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400 करोड़ के केले के पौधे बरबाद, छठपूजा में भी होगी मुश्किल

पटना: तेज हवा,बारिश और बाढ़ ने लगभग400करोड़ रुपये के केले के पौधों को नुकसान पहुंचा दिया. छठ पर्व में केला बेच कर लाभ कमाने की उम्मीद कर रहे किसानों को जबरदस्त आर्थिक क्षति हो गयी. छठव्रतियों को केले की अधिक कीमत चुकानी तय है. इतना ही नहीं,बचे गये केले के पौधों को विल्ट बीमारी का […]

पटना: तेज हवा,बारिश और बाढ़ ने लगभग400करोड़ रुपये के केले के पौधों को नुकसान पहुंचा दिया. छठ पर्व में केला बेच कर लाभ कमाने की उम्मीद कर रहे किसानों को जबरदस्त आर्थिक क्षति हो गयी. छठव्रतियों को केले की अधिक कीमत चुकानी तय है.

इतना ही नहीं,बचे गये केले के पौधों को विल्ट बीमारी का खतरा उत्पत्र हो गया है.प्रति हेक्टेयर केले की खेती से किसानों को तीन से साढ़े तीन लाख की आय होती है. यहां से केला पश्चिम बंगाल,उत्तरप्रदेश,झारखंड आदि भेजे जाते हैं. केवल पटना मंडी में ही सालाना100-150करोड़ का कारोबार होता है.

ओड़िशा और आंध्र तटों पर आये चक्रवाती तूफान फैलिन का बिहार पर भी भारी असर पड़ा. ओड़िशा में जहां सरकारी चुस्ती के कारण महज 28 लोगों की मौत हुई और लाखों लोगों को बचा लिया गया, वहीं बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लगातार निर्देश और मॉनीटरिंग के बावजूद अफसरों की सुस्ती से कम-से-कम 36 लोगों की मौत हो गयी. हालांकि, राज्य सरकार ने सिर्फ छह लोगों की मरने की पुष्टि की है, जिनके परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये मुआवजा दिया जायेगा. दुर्गा पूजा के दौरान आये इस तूफान से एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार और फसल बरबाद हो गये. चार सौ करोड़ रुपये के केले की फसल को नुकसान पहुंचा है.

पूजा के दौरान आये आंधी-तूफान से पंडाल निर्माताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ा. खुदरा व्यापारियों और खोमचेवालों की रीढ़ टूट गयी. दो दिनों के मेले के अवसर पर इन लोगों ने भारी तैयारी कर रखी थी. लेकिन, भारी वर्षा के कारण लोग घरों में दुबके रहे और जिन दुकानदारों ने अपना स्टॉल लगाये, वे भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हो गये. राजधानी पटना में बिजली-पानी का संकट रहा.

मुगलसराय-गया रेलखंड में कर्मनाशा और छपरा-मुजफ्फरपुर रेलखंड में राम दयालु के पास पटरी पर पेड़ गिरने से ट्रेन सेवा बाधित रही. तूफान के गुजरने के 45 घंटे बाद तक कई इलाकों में बत्ती गुल रही. दरभंगा, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी आदि जिलों में मंगलवार की देर शाम तक बिजली नदारद रही.

लापरवाही किसकी
पांच दिन पहले से हैवॉक रेन यानी भारी बारिश की चेतावनी और इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अलर्ट रहने का निर्देश. लेकिन, ब्यूरोक्रेसी की लापरवाही से चेतावनी और निर्देश काम नहीं आया. भारी बारिश से निबटने के लिए फुल प्रूफ तैयारी नहीं होने के कारण राज्य में 36 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, जबकि सरकार ने सप्ताह भर पूर्व ही सभी डीएम को तूफान और भारी बारिश की चेतावनी दी गयी थी और इससे निबटने के लिए हर उपाय करने को कहा गया था.

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