पटना: 27 अक्तूबर को हुंकार रैली के दिन जान-बूझ कर राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यक्रम निर्धारित किये जाने के भाजपा के आरोप को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिरे से खारिज किया है. सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को बोलने की आदत हो गयी है. लोग प्रचार पाने के लिए बोलते हैं. भाजपा नेताओं को प्रचार पाने व सनसनी फैलाने की आदत-सी हो गयी. बैठे-बिठाये नाम छप जाता है.
सुशील मोदी का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि मेरे साथ काम करनेवाले लोग भी बोलने के आदी हो गये हैं. राष्ट्रपति से जुड़ा मामला हॉट केक के रूप में भंजाया जा रहा है. पटना से नयी दिल्ली तक खबरें छपेंगी, इसलिए बोल रहे हैं. राष्ट्रपति के कार्यक्रम की सूचना सीधे राष्ट्रपति भवन से आती है. कभी-कभार राज्य सरकार से परामर्श लिया जाता है. 26-27 अक्तूबर को प्रस्तावित कार्यक्रम जुलाई में ही तय हुआ था. कार्यक्रम की सूचना सीधे राष्ट्रपति भवन से आयी है और राज्य सरकार से इसमें परामर्श नहीं लिया गया है.
राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए राज्य सरकार को नियमानुसार सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्थाएं करनी होंगी. दोनों दिनों का कार्यक्रम राज्य सरकार का नहीं है. एक दीक्षांत समारोह है, तो दूसरा भोजपुर में केंद्र सरकार की ओर से ही निर्धारित है. भाजपा द्वारा राष्ट्रपति से अनुरोध कर कार्यक्रम में फेरबदल के सवाल पर सीएम ने कहा कि राज्य सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं है. कार्यक्रम में हेर-फेर का निर्णय राष्ट्रपति भवन को लेना है. रैलियां पहले भी होते रही हैं और आगे भी होंगी. हर राजनीतिक दल को रैली करने का अधिकार है.
सीएम को भेंट की पुस्तक: जनता दरबार के बाद वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिन्हा ने अपनी पुस्तक ‘नीतीश इंजीनियरिंग रि-कंस्ट्रक्टिंग बिहार’ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेंट की. कल्पज पब्लिकेशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन बीते दिनों नयी दिल्ली में किया गया था.