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भय व बेचैनी में गुजरी लोगों की रात

पटना सिटी: पेट दर्द , आंखों में जलन व बेचैनी के बीच बुधवार की रात सुदर्शन पथ के निवासियों की सड़क व छत पर गुजरी. लोग डरे-सहमे थे पता नहीं कहीं फिर गैस न रिसने लगे. इधर , खाजेकलां के सुदर्शन पथ स्थित नाथ कोल्ड स्टोरेज में अमोनिया गैस के रिसाव के बाद प्लांट ठप […]

पटना सिटी: पेट दर्द , आंखों में जलन व बेचैनी के बीच बुधवार की रात सुदर्शन पथ के निवासियों की सड़क व छत पर गुजरी. लोग डरे-सहमे थे पता नहीं कहीं फिर गैस न रिसने लगे. इधर , खाजेकलां के सुदर्शन पथ स्थित नाथ कोल्ड स्टोरेज में अमोनिया गैस के रिसाव के बाद प्लांट ठप है. ऐसे में लगभग 50 हजार पैकेट आलू के खराब होने की आशंका से किसानों के चेहरे पर भी चिंता की लकीर उभर आयी हैं. यदि आलू सड़ गये, तो किसानों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है. घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश भी है.

20 हजार आबादी प्रभावित
नाथ कोल्ड स्टोरेज से बुधवार की रात गैस के रिसाव से लगभग बीस हजार की आबादी गुरुवार को भी डरी-सहमी रही. सुबह में भी दशहत का माहौल कायम था. कुछ लोग घनी आबादीवाले क्षेत्र से कोल्ड स्टोरेज हटाने की मांग को लेकर गोलबंद होने लगे थे, लेकिन प्रशासन की सख्ती से लोग वहां से हट गये.

अस्पताल की व्यवस्था की भी खुली पोल
अमोनिया गैस रिसाव के बाद कर्मचारी बलबीर व ऑटोचालक (अज्ञात ) को बुधवार की रात जब लोग बेहोशी की हालत में लेकर एनएमसीएच पहुंचे, तो कई खामियां सामने आयीं. मरीज को स्लाइन चढ़ाने के लिए नर्स खड़ी थी, लेकिन इंटराकेट नहीं था. बलबीर के साथ आये लोगों को कहा जा रहा था कि बाजार से खरीद कर ले आयें. डॉक्टरों का भी कहना था कि इंटराकेट बाजार से लाना होगा. गनीमत यह थी कि अस्पताल पहुंचनेवालों की संख्या मात्र दो थी.

आलू सड़ने की आशंका
नाथ कोल्ड स्टोरेज में पचास हजार से अधिक आलू के पैकेट होने की संभावना है. किसानों ने चार माह पूर्व यहां आलू स्टोर किया था. अमोनिया गैस के रिसाव से आलू के सड़ कर खराब होने की आशंका जतायी जा रही है, क्योंकि प्रबंधक जेनेरेटर चलाने को तैयार नहीं हैं. तकनीकी सेल के अधिकारी पूरे दिन लिकेज दुरुस्त करने में लगे थे. पूर्व डिप्टी मेयर संतोष मेहता का कहना है कि किसानों को नुकसान नहीं उठाना पड़े, इस बात को गंभीरता से लेना होगा. उद्योग व कृषि विभागों के मापदंड के अनुसार प्रत्येक माह चालू कोल्ड स्टोरेज का निरीक्षण व फिटनेस प्रमाणप्राप्त लेना अनिर्वाय होता है. इसके अलावा प्रशिक्षण प्राप्त मजदूर को ही काम में लगाया जाता है, लेकिन इस तरह के सभी मापदंडों की औपचारिकता पूरी की जाती है.

अधिकतर स्टोरेज बंदक्षेत्र में चार कोल्ड स्टोरेज ही चालू स्थिति में हैं, जबकि अधिकतर संसाधनों के अभाव में बंद पड़े हैं. कम संख्या में कोल्ड स्टोरेज होने का खामियाजा किसानों को उठाना पड़ता है. उन्हें कोल्ड स्टोरेज के मालिकों की मनमानी ङोलनी पड़ती है. पटना सिटी में फिलहाल नाथ , जनता व माया चालू कोल्ड स्टोरेज चालू स्थिति में हैं, जबकि भारत , बिहार व मॉडर्न बंद हैं.

सुरक्षा का इंतजाम नहीं
कोल्ड स्टोरेज में व्याप्त कुव्यवस्था की वहज से होनेवाली घटनाएं अंदर से जल्दी बाहर नहीं आ पाती हैं. यहां हाइटेंशन तार की जजर्र स्थिति में है. बिजली की वायरिंग व प्रकाश की समुचित व्यवस्था नहीं है. सुरक्षा नियमों का दरकिनार कर चल रहे इन कोल्ड स्टोरेजों का नियमित निरीक्षण भी नहीं होता पता है. ऐसे में किसी बड़े हादसे के बाद ही प्रशासन के वरीय अधिकारियों की नींद खुलती है.

मामले की होगी जांच
प्रभारी एसडीओ सह डीसीएलआर कपिलेश्वर मिश्र ने बताया कि प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. पूरे मामले की जांच करायी जायेगी. दोषी पाये गये कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. खाजेकलां थानाध्यक्ष प्रेम सागर को जांच की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. सुरक्षा के मद्देनजर फायर ब्रिगेड को तैनात किया गया है. संबंधित अधिकारियों को भी जांच के लिए भेजा गया है.

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