– शिक्षक दिवस. मुख्यमंत्री ने माना, स्कूली शिक्षा संतोषजनक नहीं
– लाठी नहीं, कलम है हमारी पहचान
पटना : शिक्षक दिवस के मौके पर गुरुवार को एसके मेमोरियल हॉल में शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बहुत कुछ किये जाने के बाद भी स्कूली शिक्षा अभी संतोषजनक नहीं है.
हमने बच्चों को स्कूलों में पहुंचा दिया है. अब इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे. पांचवीं कक्षा के बच्चों को उस कक्षा के अनुरूप ज्ञान हो, यह सुनिश्चित होगा.
विद्यालय शिक्षा समिति में माताओं को प्रधानता दी गयी है. माताओं का उन्मुखीकरण होगा, ताकि वे स्कूली की निगरानी कर सकें. शिक्षा समिति के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जायेगा. शिक्षा समिति का पंचायतों से तालमेल हो, इसकी पहल की गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही बिहार व्यापार के लिए नहीं जाना जाता, पर यह ज्ञान की भूमि रही है. लोकतंत्र की शुरुआत यहीं से हुई. नालंदा व विक्रमशिला विवि ने दुनिया को ज्ञान दिया. राजकाज कैसे चलता है, यह कौटिल्य ने बताया. आर्यभट ने शून्य का आविष्कार किया. कलम हमारी पहचान है. लाठी हमारी पहचान कभी नहीं हो सकती.
आज हम सब संकल्प लें कि ज्ञानवान बनेंगे. तनाव के लिए कोई जगह नहीं होगी. बिहार की पूंजी यहां के लोग हैं. वे दूसरे प्रदेशों में जाकर बोझ उठाते हैं, बोझ बनते नहीं हैं. यूपीएससी समेत देश की कोई ऐसी परीक्षा नहीं है, जहां बिहार के बच्चे अधिक संख्या में सफल नहीं होते.
मशरक में हुई मिड–डे–मील की घटना काफी दुखद है. सबों का सिर शर्म से झुक गया है. इसकी जांच पुलिस कर रही है. पर, इस घटना ने हमें सचेत रहने का संदेश दिया है. चापाकलों में जहर व स्टोर रूम में पेस्टीसाइड फेंकने की घटनाएं हुईं. विद्यालय शिक्षा समितियों व शिक्षकों को सजग रहने की जरूरत है.
70 हजार विद्यालयों में रोज खाना बनता है. दो करोड़ बच्चे हैं. यह एक बड़ा कार्य है. किचेन शेड का निर्माण किया जा रहा है. हमने कहा है कि हर बच्चे को स्कूल में ही बरतन दें. इसमें जो भी राशि खर्च होगी, सरकार देगी.
समारोह में मुख्यमंत्री ने आठ शिक्षकों को राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया व शॉल, प्रशस्ति पत्र व 15 हजार का चेक प्रदान किया. इनमें राजीव कुमार रंजन, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बजारटाली, जहानाबाद, श्याम लाल रविदास, मध्य विद्यालय, तेजा टोला, कटिहार, विनोद कुमार सिंह, महुअवा बुनियादी शिक्षा सघन क्षेत्र, वृंदावन, चनपटिया, प चंपारण, बालेश्वर झा, आदर्श मध्य विद्यालय, दिग्घी, सीतामढ़ी, राजेश कुमार दास, कन्या मध्य विद्यालय, टेहटा, जहानाबाद, प्रमोद कुमार जायसवाल, नेहरू स्मारक हाइस्कूल, गुलालबाग, पूर्णिया, यागेंद्र प्रसाद, शिक्षक, मुरलीधर हाइस्कूल, जहानाबाद व जवाहर लाल देव, शिक्षक, गांधी उच्च न्यू विद्यालय, कटिहार शामिल हैं.
शिक्षक कल्याण कोष में धन संग्रह करने में प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार क्रमश: पटना के डीइओ अरुण शर्मा, पश्चिम चंपारण के डीइओ ललन झा व नालंदा के डीइओ देवशील को प्रदान किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय उच्च विद्यालय, शास्त्रीनगर की छात्रओं ने शिक्षिका डॉ अर्चना चौधरी के नेतृत्व में गुरु वंदना नृत्य प्रस्तुत कर की.
मौके पर शिक्षा मंत्री पीके शाही, पुस्तकालय प्राधिकार के अध्यक्ष राम वचन राय, मुख्य सचिव एके सिन्हा, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रमंडलीय आयुक्त इएलएस बाला प्रसाद, राजस्व पर्षद के अशोक वर्धन, शिक्षा सचिव राहुल सिंह, सीताराम सिंह, एके चौधरी, आरबी चौधरी, जेकेपी सिंह आदि उपस्थित थे.
शिक्षकों का आगे भी बढ़ेगा वेतन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की क्षमता के बाहर जाकर नियोजित शिक्षकों का तीन–तीन हजार वेतन बढ़ाया गया है. यह अंतिम नहीं है. यह सिलसिला आगे भी कायम रहेगा. रातों–रात शिक्षा मित्र से पंचायत शिक्षक बनाया गया था. प्रदेश में छह से 14 वर्ष के बच्चों की संख्या दो करोड़ से अधिक है. यहां बाहर के प्रयोगों को हू–ब–हू लागू नहीं किया जा सकता है. मुझे जब राज्य की सत्ता जनता ने सौंपी, तो उस समय 12 प्रतिशत बच्चे विद्यालय से बाहर थे. आज यह संख्या तीन प्रतिशत रह गयी है.
सम्मानित होनेवाले शिक्षकों में एक भी महिला नहीं होने पर नाराजगी
मुख्यमंत्री ने सम्मानित होनेवाले आठ शिक्षकों में एक भी महिला नहीं होने पर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा, नारी को सम्मान दिये बिना शिक्षकों का सम्मान पूर्ण नहीं हो सकता. यह कैसा समाज बनेगा? हमें बुलाते हैं, तो कम–से–कम इसका ख्याल तो रखें. उन्होंने शिक्षा मंत्री व विभाग के प्रधान सचिव से कहा कि आगे से इसका ख्याल रखें. महिला–पुरुष बराबर के हकदार हैं. इसके लिए पुरस्कार पानेवालों की संख्या बढ़ानी पड़े, तो बढ़ाएं. हमने प्रारंभिक स्कूलों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया है.
कई कार्यक्रम शुरू
1. 15 कम्युनिटी कॉलेज
इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को स्वावलंबी बनाना है. हर कॉलेज में दो–दो कोर्स हैं. एक कोर्स में 20 सीटें हैं. शुक्रवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू जायेगी. फीस 6000 रुपये है.
2. अप्रशिक्षित शिक्षकों को ट्रेनिंग
एससीइआरटी दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण देगा. प्रशिक्षित शिक्षकों की कोटि में आ जाने से उनके वेतन की वृद्धि होगी. पहले चरण में करीब 11000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जायेगा.
3. नौ टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों के भवनों का निर्माण
एक कॉलेज के भवन व छात्रावास के निर्माण पर 10-12 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
4. हुनर कार्यक्रम का चौथा चरण
अल्पसंख्यक, एससी, एसटी, एमबीसी व बीसी वर्ग की 50 हजार छात्रओं को मुरगी व मधुमक्खी पालन, वर्मी कंपोस्टिंग, बेसिक कंप्यूटिंग, रेशम व मशरूम उत्पादन आदि का प्रशिक्षण दिया जायेगा.