पटना/छपरा (सारण): राज्य के 20 जिलों में जहां सूखे की स्थिति है, वहीं गंगा और सोन समेत आधा दर्जन नदियों के जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. शुक्रवार को गंगा इलाहाबाद से लेकर फरक्का तक खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. इसके कारण पटना, सारण, बेगूसराय, भागलपुर समेत अन्य जिलों के दियारा इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है. केंद्रीय जल आयोग ने गंगा के जल स्तर में 171 सेंटीमीटर तक बढ़ोतरी होने की रिपोर्ट दी है. राज्य सरकार के बाढ़ नियंत्रण आयोग के अधिकारियों ने कहा कि गंगा का पानी एक मीटर तक ऊपर जा सकता है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सोन में शनिवार को डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जायेगा.
इधर, जल संसाधन विभाग ने सभी तटबंधों के सुरक्षित होने का दावा किया है. गंगा नदी के जिन तटबंधों पर पानी का दबाव बना हुआ है वहां युद्ध स्तर पर सुरक्षात्मक कार्य कराया जा रहा है.
राज्य सरकार ने सारण जिला प्रशासन को हाइ अलर्ट करने का निर्देश दिया है. पिछली बार सारण में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से 1.14 मीटर ऊपर पहुंचा था. इस बार यह रिकॉर्ड टूटने की आशंका है. सूत्रों का कहना है कि गंगा का जल स्तर इस बार खतरे के निशान से 1.20 मीटर ऊपर जा सकता है. शुक्रवार को गंगा इलाहाबाद में खतरे के निशान से एक मीटर, तो वाराणसी में आधा मीटर ऊपर थी. फिलहाल गंगा घाट के पास 86 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सोन में भी शुक्रवार को साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जल स्तर में अचानक वृद्धि हो गयी है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सोन नदी का अधिकतम जल स्तर 1975 में था. इस समय 14 लाख 46 हजार पानी आया था.
जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार केसरी ने बताया कि सोन व गंगा के जल स्तर में वृद्धि होने से सरयू, गंडक, माही, तैल, सोंधी, बोहटा समेत कई अन्य नदियों के तटबंधों पर दबाव बढ़ने की आशंका है. सबसे अधिक खतरा जमींदारी तटबंधों पर हो सकता है. छपरा-पटना मेन रोड पर फिर बाढ़ के पानी का बहाव तेज हो जायेगा. इसके अलावा छपरा-मांझी मेन रोड पर रिविलगंज में भी सरयू नदी की बाढ़ का पानी आने की आशंका है. इससे निबटने के लिए नाइलॉन का एक लाख खाली बोरा स्टोर कर लिया गया है.