पटना: राशन-केरोसिन के उठाव व वितरण में गड़बड़ी रोकने के लिए सूबे में नयी व्यवस्था लागू होगी. जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) के उपभोक्ताओं को स्मार्ट कार्ड मुहैया कराया जायेगा. प्रत्येक पीडीएस में बायोमीटरिक मशीन लगायी जायेगी. इसमें कार्ड डालने के बाद ही उपभोक्ताओं को राशन व केरोसिन मिलेगा. यह छह माह में लागू होगा. इस पर केंद्र व राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत राशि खर्च करेगी. कैबिनेट से स्वीकृति के बाद व्यवस्था शुरू होगी.
कैसे काम करेगा स्मार्ट कार्ड
राशन या केरोसिन लेने के लिए उपभोक्ता को बायोमीटरिक मशीन में कार्ड डाल कर अंगूठा का निशान लगाना होगा. इसके बाद राशन उठाव संबंधी पूरी विवरणी प्राप्त हो जायेगी और उपभोक्ता को राशन उपलब्ध करा दिया जायेगा. इस कार्ड के माध्यम से पूरे एक साल का आंकड़ा पता चल सकेगा.
उपभोक्ता को राशन मिलते ही प्रखंड से लेकर मुख्यालय तक फाइल में इंट्री हो जायेगी. स्मार्ट कार्ड परिवार के जिस सदस्य के नाम पर है, उसे पीडीएस दुकान में आकर बायोमीटरिक मशीन में अंगूठे का निशान लगाना होगा. इस व्यवस्था से फर्जी तरीके पीडीएस दुकानदार या अधिकारी राशन व केरोसिन की कालाबाजारी नहीं कर सकेंगे.
हो रहा डिजिटाइजेशन
प्रथम चरण में सभी उपभोक्ताओं के राशन कार्ड का डिजिटाइजेशन कराया जा रहा है. इसके पूरा होने के बाद स्मार्ट कार्ड बनाया जा सकेगा. अब तक 2,16,44,578 में 1,74,51,960 राशन कार्ड का डिजिटाइजेशन हुआ है. प्रखंड व अनुमंडल के साथ एसएफसी के सभी गोदामों को कंप्यूटर उपलब्ध कराये गये हैं. प्रखंड व अनुमंडल स्तर पर एक-एक डाटा इंट्री ऑपरेटर रहेगा. जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रति माह सात हजार रुपये मानदेय पर डाटा इंट्री ऑपरेटर बहाल होंगे. 635 डाटा इंट्री ऑपरेटर को नौ माह के मानदेय के लिए खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने जिलों को 4.25 करोड़ भेज दिये हैं.