पटना: पटना व मुंगेर का रेल सह सड़क महासेतु हो या बिहार में रेलवे की चल रही अन्य परियोजनाएं, सभी खटाई में पड़ सकती हैं. बिहार की रेल परियोजनाओं को पूरा करने में रेलवे ने अपनी असमर्थता जतायी है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनय मित्तल ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि रेल मंत्रालय बिहार की रेल परियोजनाओं को पूरा करने में असमर्थ है. निर्माण कार्य की जितनी परियोजनाएं चल रही हैं, उनमें राशि देने में रेलवे असमर्थ है. पत्र मिलने के बाद बिहार सरकार ने कुछ परियोजनाओं को हर हाल में पूरा करने की नीति पर काम शुरू कर दिया है. हालांकि, योजना आयोग ने रेलवे को हर हाल में 2961 करोड़ की लागतवाले दीघा रेल सह सड़क पुल मार्च, 2015 में तैयार कर लेने का निर्देश दे रखा है. समय पर निर्माण कार्य पूरा करने के लिए राज्य सरकार को 380 करोड़ रुपये जुटाने होंगे.
क्या कहा रेलवे बोर्ड ने
बोर्ड अध्यक्ष ने कहा है कि बिहार में रेलवे की निर्माण से जुड़ी 34 परियोजनाएं चल रही हैं. लगभग 18 हजार करोड़ की इन परियोजनाओं में रेलवे छह हजार करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. लेकिन, चालू वित्तीय वर्ष में रेलवे ने मात्र 700 करोड़ रुपये ही आवंटित किया है. ऐसे में शेष योजनाओं को पूरा करने के लिए 12 हजार करोड़ कहां से आयेगा, यह यक्ष प्रश्न है. बिहार में चल रही रेलवे की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में गंगा नदी पर बन रहे दो महासेतु हैं.
पटना व मुंगेर में बन रहे महासेतु पर लगभग 5300 करोड़ से अधिक खर्च होने की संभावना है. दोनों महासेतु में रेलवे व राज्य सरकार, दोनों को ही खर्च करना है. दीघा रेल सह सड़क सेतु पर 2921 करोड़ खर्च होने हैं. इसमें से 1840 करोड़ खर्च हो चुके हैं. कुल राशि में से रेलवे को 1681 करोड़ और राज्य सरकार को 1240 करोड़ खर्च करने हैं. राज्य सरकार ने अपनी हिस्सेदारी 1240 करोड़ में से 1120 करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिये हैं. रेलवे को अपने मद का अभी भी 650 करोड़ रुपये खर्च करना है. अब रेलवे बोर्ड कह रहा है कि वह अधिक-से-अधिक 180 करोड़ रुपये ही इस पुल के ेनिर्माण पर खर्च कर सकती है. ऐसे में शेष 380 करोड़ की रकम राज्य सरकार को जुटाने पड़ सकते हैं.