* राजभवन से विधेयक मंजूर, बाधा दूर
पटना : राज्यपाल डीवाइ पाटील ने बिहार राज्य विवि व पटना विवि संशोधन विधेयक, 2013 को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही राज्य के विश्वविद्यालयों में व्याख्याताओं की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. अप्रैल, 2013 में विधानमंडल से पारित होने के बाद ये दोनों विधेयक राजभवन को भेजे गये थे. राज्यपाल ने विधानमंडल द्वारा पारित कुल नौ विधेयकों को मंजूरी दी है. रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल को मुलाकात भी की.
नये विधेयकों में व्याख्याताओं की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से कराने का प्रावधान किया गया है. रेशनलाइजेशन रिपोर्ट के अनुसार राज्य में व्याख्याताओं के 3500 पद रिक्त हैं. 2003 के बाद व्याख्याताओं की नियमित नियुक्ति नहीं हुई है. पटना विवि में 419 पद रिक्त हैं.
पूर्व राज्यपाल देबानंद कुंवर ने विवि व्याख्याताओं की नियुक्ति व कुलपति नियुक्ति के लिए बननेवाली सर्च कमेटी के लिए विधानमंडल से पारित संशोधन विधेयकों को लौटा दिया था. 31 मई, 2011 को तीन विधेयकों को राजभवन भेजे गये थे, जिन्हें धन विधेयक बताते हुए देबानंद कुंवर ने 19 अगस्त को लौटा दिया था.
विधानसभा में धन विधेयक को लेकर चर्चा हुई व फिर इन्हें दोबारा राजभवन भेजा गया. चार अप्रैल, 2012 को राज्यपाल ने इन विधेयकों को फिर असहमति के साथ वापस कर दिया. इस मुद्दे पर राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव की भी नौबत आ गयी थी.
* पाटील ने नौ विधेयकों को दी मंजूरी
– नियुक्ति कैसे
* बीपीएससी से होगी नियुक्ति
– कितने वर्ष बाद
10 वर्ष के बाद व्याख्याताओं की होगी नियुक्ति
– पीयू में रिक्तियां
पटना विवि में 419 पद रिक्त हैं
* नजी विश्वविद्यालय विधेयक अटका
राज्यपाल ने निजी विवि विधेयक को मंजूरी नहीं दी है. अप्रैल, 2013 में ही इस विधेयक को भी राजभवन भेजा गया था. राज्य में निजी विवि की स्थापना के मकसद से ही यह विधेयक लाया गया था. फिलहाल यह विधेयक अटक गया.
* वीसी नियुक्ति के लिए बनेगी सर्च कमेटी
कुलपतियों व प्रतिकुलपतियों का चयन अब सर्च कमेटी करेगी. सर्च कमेटी द्वारा सार्वजनिक सूचना, नामांकन या एक टैलेंट सर्च प्रक्रिया अथवा इन दोनों विधियों के जरिये कुलपति–प्रतिकुलपति का चयन होगा. सर्च कमेटी में कुलाधिपति द्वारा नामित एक सदस्य होंगे, जो राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान/शिक्षाविद अथवा पद्म पुरस्कार से विभूषित होंगे.
कुलाधिपति द्वारा नामित दूसरा सदस्य राष्ट्रीय स्तर के संगठन जैसे, आइआइटी, भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, राष्ट्रीय विधि विवि अथवा राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला के निदेशक या प्रमुख या वैधानिक विवि के कुलपति होंगे. राज्य सरकार द्वारा एक नामित तीसरे सदस्य होंगे, जो राज्य के उच्च शिक्षा की शैक्षणिक संरचना व उसी समस्याओं की पूर्ण जानकारी रखते हो. कमेटी द्वारा अनुशंसित नामों पर अंतिम मुहर कुलाधिपति लगायेंगे.
* विवि से जुड़े संशोधन विधेयकों को स्वीकृत करने के लिए राज्यपाल को धन्यवाद. पूरा राज्य राज्यपाल की ओर देख रहा था. मंजूरी मिलने से विवि शिक्षकों की नियुक्ति में गति आयेगी व योग्य वीसी –प्रो वीसी नियुक्त हो सकेंगे.
पीके शाही, शिक्षा मंत्री