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त्रिपुरारि के फ्लैटों की बोली लगाने वालों के मालिकाना हक पर रोक

पटना: चारा घोटाले के सजायाफ्ता त्रिपुरारि मोहन प्रसाद के 18 फ्लैटों की नीलामी में बोली लगानेवालों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. पटना हाइकोर्ट ने शुक्रवार को दानापुर इलाके के वशीकुंज अपार्टमेंट के 15 फ्लैटों की नीलामी पर सर्वाधिक बोली लगानेवालों को मालिकाना हक दिये जाने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने आयकर विभाग के […]

पटना: चारा घोटाले के सजायाफ्ता त्रिपुरारि मोहन प्रसाद के 18 फ्लैटों की नीलामी में बोली लगानेवालों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. पटना हाइकोर्ट ने शुक्रवार को दानापुर इलाके के वशीकुंज अपार्टमेंट के 15 फ्लैटों की नीलामी पर सर्वाधिक बोली लगानेवालों को मालिकाना हक दिये जाने पर रोक लगा दी है.

कोर्ट ने आयकर विभाग के 30 मई, 2014 को जारी उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें वशीकुंज अपार्टमेंट के सभी 18 फ्लैटों को बेनामी मानते हुए नीलाम करने का आदेश दिया गया था. न्यायाधीश आरके दत्ता व डॉ रविरंजन के खंडपीठ ने त्रिपुरारि मोहन प्रसाद के भाई संजय कुमार, सुशील कुमार और दीना प्रसाद की अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आयकर विभाग ने आदेश जारी करने में जल्दबाजी की है. आयकर विभाग की प्रोसिडिंग पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह सही नहीं है.

कोर्ट ने आयकर विभाग को आदेश दिया कि वह दोबारा इस मामले पर विचार कर यह आदेश पारित करे कि नीलाम की गयी संपत्ति त्रिपुरारि मोहन की ही है. नये आदेश पर यदि याचिकाकर्ता की ओर से हाइकोर्ट में एक महीने के भीतर चुनौती नहीं दी जाती है, तभी बोली लगानेवालों को मालिकाना हक दिया जा सकता है.

आयकर विभाग के टैक्स रिकवरी अफसर ने अपने आदेश में कहा था कि ये सारे भवन बेनामी हैं और चारा घोटाले के पैसे से बने हुए हैं. इसलिए इसे नीलाम कर आयकर की राशि वसूली जायेगी. कोर्ट ने कहा कि इस मामले को आय से अधिक संपत्ति के रूप में दर्ज किया जा सकता था.

याचिकाकर्ता के वकील अभिनव श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि जिन फ्लैटों की नीलामी का आदेश दिया गया, वे त्रिपुरारि मोहन प्रसाद के नहीं, बल्कि उनके भाई संजय कुमार, सुशील कुमार और एक अन्य भाई केएम प्रसाद की पत्नी दीना प्रसाद के हैं. आयकर विभाग ने बिना तथ्य के ही इसे चारा घोटाले के पैसे से बना हुआ मान लिया है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह संपत्ति 1992 में खरीदी गयी थी. इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि जिस समय यह संपत्ति खरीदी गयी थी, उस समय एक भाई नाबालिग थे और दूसरे की उम्र महज 20 वर्ष की थी, जबकि दीना प्रसाद एक गृहिणी रही हैं. उन्होंने अपने आयकर रिटर्न में इस संपत्ति का जिक्र नहीं किया है.

गौरतलब है कि आयकर विभाग ने वशीकुंज अपार्टमेंट के 15 फ्लैटों को 12 सितंबर को नीलाम कर दिया है, जबकि इसी अपार्टमेंट की तीन अन्य फ्लैटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू होनेवाली थी.

नीलामी में इन्होंने खरीदी वशीकुंज अपार्टमेंट फ्लैट

त्रिपुरारि मोहन प्रसाद के वशीकुंज अपार्टमेंट स्थित 18 में 15 फ्लैटों को नीलामी में खरीदनेवालों की सूची

फ्लैट नंबर बेस प्राइस बोली लगी खरीदार

302 44,95,250/- 50,10,000/- प्रहलाद शर्मा

303 39,94,100/- 41,50,000/- हरेंद्र सिंह

304 44,80,600/- 50,10,000/- गुणसागर सिंह

401 46,93,000/- 47,60,000/- पुरुषोत्तम कुमार

402 44,99,250/- 51,60,000/- प्रेमप्रकाश एवं सीमा रानी सिन्हा

403 39,94,100/- 42,00,000/- शक्ति स्वरूप शर्मा

404 44,80,600/- 51,00,000/- शक्ति स्वरूप शर्मा

405 43,58,000/- 44,00,000/- अशोक कुमार

501 46,23,000/- 50,00,000/- विजय कुमार

502 44,99,250/- 50,00,000/- सुमनलता वर्मा

503 39,94,100/- 40,00,000/- डॉ संजीव कुमार

504 44,80,600/- 44,90,000/- जयप्रकाश नारायण एवं प्रत्युष कुमार सिन्हा

301 46,23,000/- 53,00,000/- अनिता शर्मा

306 37,02,500/- 37,60,000/- केपी सहाय

406 37,02,500/- 37,10,000/- कमलेश कुमार

कुल 6,91,40,000/-

अब आगे क्या

नीलामी में भाग लेनेवाले व्यक्तियों को आयकर विभाग के टैक्स रिकवरी अफसर के अगले आदेश का इंतजार करना होगा. यदि इस बार भी सभी फ्लैटों के मालिक त्रिपुरारी मोहन प्रसाद ही बताये गये और इस आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती नहीं दी गयी, तो बोली लगानेवालों को मालिकाना हक मिल सकता है.

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