पटना: रामजी चक के हिमालयन पब्लिक स्कूल में शिक्षक की नौकरी करनेवाले केएन शर्मा (50 वर्ष) पटना से सात नवंबर को लापता हो गये थे. उनका मोबाइल फोन भी गायब था.
वह मास्टर माइंड दीपक शर्मा के साजिश का शिकार हुए और जान गंवा बैठे. पहले उनसे आधा दर्जन युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 40 लाख रुपये की वसूली करायी गयी और फिर पैसा वापस करने के नाम पर दीपक अपने दो सहयोगियों की मदद से उसे लेकर कार से गया पहुंचे और रस्सी से गला दबा कार जीटी रोड झारखंड के इलाके में फेंक दिया. हत्या के बाद शिक्षक का मोबाइल इस्तेमाल कर रहे एक हत्यारे के पकड़े जाने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है.
नौबतपुर थाना क्षेत्र के वीरपुर के नगवां निवासी शिक्षक केएन शर्मा का धनरूआ थाना क्षेत्र के मोरियावां के रहनेवाले दीपक शर्मा से दोस्ती हो गयी. दीपक ने सरकारी नौकरी के लिए कैंडिडेट लाने के लिए बोला था. इसके बदले रुपयों की डिमांड की थी. दीपक के इशारे पर केएन शर्मा ने अपने क्षेत्र के आधा दर्जन युवकों से पांच से छह लाख की धनराशि वसूली थी. कुल करीब 40 लाख रुपये की वसूली हुई थी. नौकरी नहीं लगने पर युवकों ने शिक्षक पर दबाव बनाया, तो उसने दीपक से पैसे वापस करने के लिए तगादा किया. तब सात नवंबर को दीपक ने शिक्षक को घर पर बुलाया. गया में पैसा देने की बात कही गयी. इसके बाद दीपक शास्त्री नगर थाना क्षेत्र की सीडीए कॉलोनी निवासी रितेश रंजन, गाड़ी चालक मंटू शर्मा व शिक्षक केएन शर्मा को साथ लेकर निकल गये. वहां के एक होटल में शराब पिलाने और खाना खिलाने के बाद उनको जीटी रोड ले जाकर मार डाला. आठ नवंबर को झारखंड प्रदेश के हजारीबाग जिले की चौपारण पुलिस ने शिक्षक का लावारिस शव बरामद किया था. शव की शिनाख्त नहीं हो सकी, तो पोस्टमार्टम के बाद उसका दाह संस्कार कर दिया गया. पुलिस ने उसका फोटो, उसके कपड़े व चप्पल को अपने पास रख लिया था.
मोबाइल से खुला मामला
शिक्षक की हत्या में शामिल रितेश रंजन ने शिक्षक का मोबाइल फोन ले लिया था. वह पटना आने के बाद फोन का इस्तेमाल कर रहा था. वहीं पटना पुलिस ने शिक्षक के मोबाइल को सर्विलांस पर लगा रखा था. इस बीच मोबाइल का प्रयोग करने से रितेश रंजन दीघा पुलिस के हत्थे चढ़ गया और कड़ाई से पूछताछ में उसने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली.