पटना: काम लेकर उसे पूरा नहीं करनेवाले कांट्रैक्टर को अब महंगा पड़ेगा. ऐसे कांट्रैक्टर को काली सूची में डाल कर अगले टेंडर में भाग लेने पर रोक लगेगी. पीएचइडी विभाग ने काम लेकर उसे पूरा नहीं करने अथवा काम को पूरा करने में बेवजह विलंब करनेवाले कांट्रैक्टर पर शिकंजा कसने का निर्णय लिया है. विभाग ऐसे कांट्रैक्टर की सूची तैयार कर रहा है.
सूची में शामिल ऐसे सभी कांट्रैक्टर को जो समय पर काम पूरा नहीं किये हैं अथवा अधूरा काम छोड़ दिये हैं. उसे विभाग द्वारा किसी परियोजना पर कार्य के लिए निकलने वाले टेंडर में भाग लेने से वंचित किया जायेगा. उसे टेंडर में भाग लेने से तब तक वंचित रखा जायेगा, जब तक वह लंबित कार्य पूरा नहीं कर लेंगे. विभाग के कार्यपालक अभियंता ऐसे कांट्रैक्टर की सूची तैयार करेगा. विभागीय अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव ने इस बाबत सभी कार्यपालक अभियंता को सूची तैयार करने का निर्देश जारी किया है. विभाग में पहली बार इस तरह की व्यवस्था हो रही है जब कांट्रैक्टर पर शिकंजा कसने का निर्णय लिया गया है.
विभाग में तैयार हो रही सूची : विभागीय स्तर पर दोषी कांट्रैक्टर की सूची तैयार होगी, ताकि अगले टेंडर में भाग लेने से उन्हें वंचित किया जा सके. कार्यपालक अभियंताओं को 15 दिनों के अंदर ऐसे सभी कांट्रैक्टर का पूरा डिटेल मुख्यालय को उपलब्ध कराना है.
कांट्रैक्टर को देना होगा घोषणापत्र : किसी भी टेंडर में भाग लेने के लिए कांट्रैक्टर को अब घोषणापत्र देना होगा. घोषणापत्र में कांट्रैक्टर को इस बात का उल्लेख करना होगा कि किसी आवंटित कार्य में डिफॉल्टर घोषित किया गया है या नहीं. विभाग ने निर्णय लिया है कि टेंडर की तकनीकी बीड के समय कांट्रैक्टर को घोषणापत्र अनिवार्य रूप से लगाना है.