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विवि से लगे गांवों के विकास को बनेगी अथॉरिटी: जीतन राम मांझी

राजगीर (नालंदा): मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि नालंदा यूनिवर्सिटी के आस-पास के गांवों के विकास के लिए डेवलपमेंट ऑथोरिटी का गठन होगा. यूनिवर्सिटी के लिए राज्य सरकार द्वारा 446 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी गयी है. इसके अलावा 100 एकड़ और जमीन चिह्न्ति कर ली गयी है. इस भूमि को जब भी जरूरत पड़ेगी, […]

राजगीर (नालंदा): मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि नालंदा यूनिवर्सिटी के आस-पास के गांवों के विकास के लिए डेवलपमेंट ऑथोरिटी का गठन होगा. यूनिवर्सिटी के लिए राज्य सरकार द्वारा 446 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी गयी है.

इसके अलावा 100 एकड़ और जमीन चिह्न्ति कर ली गयी है. इस भूमि को जब भी जरूरत पड़ेगी, यूनिवर्सिटी को उपलब्ध करा दिया जायेगा. बिजली की व्यवस्था भी राज्य सरकार करेगी. श्री मांझी राजगीर के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल में नालंदा यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक सत्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि इस यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शुरू होना बिहार व देश के लिए गौरव की बात है. श्री मांझी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परिकल्पना अब साकार हो रही है. पूर्व में देश ही नहीं दुनिया के लोग नालंदा व बिहार को लोहा मानते थे. हम सभी क्षेत्रों में अव्वल थे. नालंदा पूरी दुनिया में ज्ञान की रोशनी फैलाता था. एक बार फिर से पूरी दुनिया में ज्ञान की रोशनी फैलाने का रास्ता अब साफ हो गया है.

उन्होंने विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों सहित विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का स्वागत करते हुए कहा कि नालंदा यूनिवर्सिटी के निर्माण में राज्य सरकार हर संभव सहयोग कर रही है. इस मौके पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ग्रामीण कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, पूर्व मंत्री एसएन आर्य, नालंदा यूनिवर्सिटी की वीसी डॉ गोपा सबरवाल, मेंटर ग्रुप के सदस्य डॉ मेघनाथ देसाई, एके सिंह, प्रधान सचिव आरके महाजन, चंचल कुमार, अतीश चंद्रा, दीपक कुमार, अमिताभ कुमार, गया के डीएम संजय कुमार अग्रवाल, गया के सीनियर एसपी निशांत तिवारी, नालंदा के डीएम बी. कार्तिकेय, पुलिस अधीक्षक डॉ सिद्धार्थ आदि मौजूद थे.

टूरिज्म के विकास की असीम संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में टूरिज्म के विकास की असीम संभावनाएं हैं. यदि केंद्र की सरकार सहयोग व सहायता दे, तो इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए बेहतर बनाया जा सकता है. बुद्धिष्ट, जैन, सूफी-संत सर्किट सहित महात्मा गांधी सर्किट के बेहतर विकास के लिए उन्होंने केंद्र से मदद देने की अपील की. उन्होंने कहा कि यहां आनेवाले पर्यटक सभी जगहों का भ्रमण आसानी से कर सकें इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बारे में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने एक बार कहा था कि बिहार का विकास हुए बिना देश का विकास संभव नहीं है. विद्या व विज्ञान की भूमि बिहार के आगे बढ़ने पर ही देश आगे बढ़ेगा. मुख्यमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति के इस सोच को सही बताते हुए बिहार के विकास में केंद्र से सहयोग की अपील की. नालंदा यूनिवर्सिटी में दो विषयों हिस्टोरिकल स्टडीज एवं इकोलॉजी एंड इंवायरमेंटल स्टडीज की पढ़ाई शुरू होने पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण बहुत बड़ा विषय है. आज पर्यावरण प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है. इसकी पढ़ाई शुरू होने से इससे निजात में मदद मिलेगी.

तक्षशिला और विक्रमशिला यूनिवर्सिटी का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नालंदा यूनिवर्सिटी के साथ-साथ तक्षशिला एवं विक्रमशिला विवि के विकास के लिए प्रयास कर रही है. राज्य सरकार के अपने बूते इनको बेहतर तरीके से विकास करना असंभव है. उन्होंने केंद्र सरकार से विक्रमशिला व तक्षशिला यूनिवर्सिटी के निर्माण में मदद करने की अपील की.

और क्या-क्या बोलीं सुषमा स्वराज

बिहार भरेगा अंतरराष्ट्रीय उड़ान
नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र की औपचारिक शुरुआत करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कहा कि नालंदा विवि में पढ़ाई शुरू होने के साथ ही बिहार की अंतरराष्ट्रीय स्तर की उड़ान शुरू हो गयी है. नालंदा और बिहार जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर से अपनी पहचान बनाने में सफल होगा. यही हमारी कामना है. श्रीमती स्वराज ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय एक बार फिर से सिरमौर बनेगा और पूरे विश्व को एक नयी राह दिखायेगा. अतीत का अध्ययन एशियाई देशों को यह समझने में मदद करेगा कि एकीकृत एशियाई महाद्वीप किस तरह अच्छे संबंधों की स्थापना में मददगार हो सकता है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि आनेवाले दिनों में नालंदा विश्वविद्यालय सिर्फ एशियाई देशों ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के देशों को आकर्षित करेगा. उन्होंने कहा, आज नालंदा यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक सत्र का उद्घाटन कर मैं काफी अभिभूत हूं. आज का दिन ऐतिहासिक है. आज नालंदा यूनिवर्सिटी को पुनर्जीवित ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि नालंदा की एक परंपरा की फिर से शुरुआत की जा रही है.

कलाम ने जतायी थी इच्छा
उन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी की परिकल्पना का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने वर्ष 2006 में नालंदा यूनिवर्सिटी का फिर से बनाने की इच्छा जतायी थी. इसके बाद यह इच्छा पूरे देश की ही नहीं, बल्कि विश्व के कई देशों की हो गयी. कई देश इसके निर्माण की इच्छा जताते हुए इसके लिए सहयोग देने की बात कही. 2007 और 2009 में पूर्व एशिया के कई देशों ने इसके पुनर्निर्माण की इच्छा प्रकट की. इनमें ऑस्ट्रेलिया, लाओस, सिंगापुर, थाइलैंड, वियतनाम, जर्मनी व जापान शामिल हैं. आज कई देशों के प्रतिनिधि यहां मौजूद हैं. हाल ही में बांग्लादेश ने भी नालंदा यूनिवर्सिटी से जुड़ने की इच्छा प्रकट की है.

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