पटना/ मुजफ्फरपुर/भागलपुर: पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलधार बारिश से राज्य की प्रमुख नदियों में उफान जारी है, जिससे निचले इलाकों में हालात अब भी खराब बने हुए हैं. गोपालगंज में गंडक का जल स्तर दो से ढाई फुट बढ़ गया है, जबकि नालंदा में अब भी प्रमुख मार्गो पर यातायात ठप है.
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने रविवार को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी के साथ हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को जिलों के लिए आवंटन भेजने में देरी न करने का निर्देश दिया. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक आठ जिलों के 27 प्रखंडों के 196 गांवों के 3.94 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ के पानी में डूबने से सहरसा और मधेपुरा में तीन लोगों की मौत हो गयी.
नालंदा में बाढ़ का कहर जारी है. लोकाइन जिराइन, सकरी, पंचाने, पैमार नदियों में उफान से सबसे ज्यादा रहुई, गिरियक, कतरीसराय, अस्थावां, बिंद, सरमेरा, हिलसा, बेन, इस्लामपुर, करायपरशुराय, बिहारशरीफ प्रखंड प्रभावित हैं. जिले के प्रमुख मार्ग एनएच 82, एनएच 31 सहित बिहारशरीफ-बरबीघा, बिहारशरीफ -रहुई, बिहारशरीफ -राजगीर, बिहारशरीफ-एकंगरसराय-जहानाबाद, बिहारशरीफ -दनियावां मार्ग सहित अन्य छोटी-छोटी सड़कों पर आवागमन अब भी ठप है. देवीसराय पावर सब स्टेशन में बाढ़ का पानी घुस जाने से करीब 70 हजार की आबादी को 84 घंटे से बिजली सप्लाइ बंद है. रहुई, अस्थावां, करायपरशुराय, कतरीसराय, सरमेरा आदि प्रखंडों में तटबंध टूट गये हैं.
नेपाल में हो रही बारिश से गोपालगंज में गंडक नदी का जल स्तर पिछले 24 घंटे में दो से ढाई फुट बढ़ गया है. इससे तीन दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है. कला मटिहिनियां में बाढ़पीड़ितों ने बचाव कार्य चलाने के लिए हंगामा किया. जिले के विशंभरपुर ,दुर्ग मटिहिनिया, खेम मटिहिनिया, सल्लेहपुर, रूप छाप, गुमनिया, भगवानपुर, धूपसागर, खरगैली समेत दर्जनों गांवों की लगभग 30 हजार की आबादी पानी से घिरी हुई है. उधर, सदर प्रखंड के बरईपटी, नवादा, निरंजना, धरमपुर, भसही, रामपुर टेंगराही, भोजली, राहवाही, मेहदिया, कठघरवा, जगीरी टोला आदि गांवों में भी नदी का पानी घुस गया है.
उत्तर बिहार में बूढ़ी गंडक, कोसी, अधवारा समूह, बागमती और कमला बलान नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार कर गयी हैं. मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक नदी के जल स्तर में वृद्धि लगातार जारी है. हालांकि, अभी कई जगह खतरे के निशान से करीब चार मीटर नीचे बह रही है. समस्तीपुर बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के मुताबिक बूढ़ी गंडक नदी का जल स्तर चनपटिया में 74.09 तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर है. ललबेगिया, अहिरबलिया व सिकंदरपुर में नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. बूढ़ी गंडक में जल स्तर में वृद्धि से नदी के किनारे बसे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. नदी की पेटी में बसे कुछ लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है. पानी काफी तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रहा है.
कोसी नदी बसुआ, बलतारा और कुरसैला में खतरे के निशान को पार कर चुकी है तो मधुबनी जिले के झंझारपुर में कमला बलान लाल निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर है. बागमती नदी रुन्नीसैदपुर व बेनीबाद में खतरे के निशान को पार कर गयी है. अधवारा समूह एकमीघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में रुक-रुक कर हो रही बारिश से जगह-जगह जल स्तर में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं. तटबंध पर दबाव बना हुआ है. जिले से बहने वाली गंगा नदी के जल स्तर में गिरावट का दौर जारी है. पिछले 24 घंटे के अंदर नदी का जल स्तर तीन सेंटीमीटर नीचे उतरा है. इसके बाद गंगा खतरे के निशान से दूर होने लगी है.
सुपौल में अचानक जल स्तर में वृद्धि के बाद कोसी तटबंध के कई बिंदुओं पर पानी का दबाव बना हुआ है. स्पर संख्या 69 करीब 100 मीटर तक पानी में बह गया, जिससे सदर प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है. वहीं, प्राथमिक विद्यालय, मरीचा का भवन भी ध्वस्त हो गया है. 57.20 स्पर के समीप पीडब्लूडी सड़क दो स्थानों पर टूट गयी है. इससे सदर प्रखंड के कई गांवों का गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है.बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गयी है. मधेपुरा के चौसा प्रखंड की आधे दर्जन पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल गया है. रविवार की सुबह प्रखंड की फुलौत पंचायत निवासी 45 वर्षीय मो रइस की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गयी
हालात खराब
सहरसा, सुपौल में 722 झोंपड़ियां बहीं
सहरसा में दो व मधेपुरा में एक व्यक्ति की डूबने से मौत
नालंदा में प्रमुख मार्गो पर यातायात ठप
गोपालगंज में गंडक का जल स्तर ढाई फुट बढ़ा
सुपौल में कोसी तटबंध पर दबाव, स्पर संख्या 69 बहा
बचाव कार्य
आठ जिलों में अब तक कुल 75 शिविरों का संचालन
सहरसा के नौ शिविरों में 1071 लोगों को पहुंचाया गया ,124 टन अनाज व 2.48 लाख नकद बांटा गया
सुपौल में 31 , प चंपारण में 20, दरभंगा में तीन और नालंदा में 12 शिविरों में लोगों को पनाह दी गयी