पटना: सरकारी महकमे में जड़ जमाये घूसखोरी से मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का भी साबका हुआ था. श्री मांझी ने घूस देकर 25 हजार रुपये का बिजली बिल पांच हजार रुपये में निबटा दिये थे.
इसका खुलासा खुद मुख्यमंत्री ने मंगलवार को पटना में प्रशासनिक अफसरों के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में किया. इस उदाहरण के जरिये उन्होंने नव नियुक्त प्रखंड विकास पदाधिकारियों को ईमानदारी से काम करने और जनता से जुड़ कर विकास पर ध्यान देने का सुझाव दिया.
श्री मांझी ने कहा, गया में मेरे एक पड़ोसी थे, जो मीटर रीडरों की मदद से बिजली की चोरी करते थे. जितने का बिजली बिल आता था, उससे काफी कम वे भुगतान करते थे. पड़ोसी ने राजस्व चोरी का तरीका उन्हें बताया.
श्री मांझी ने खुद के बिजली बिल के भुगतान में इस तरीके का उपयोग किया. 25 हजार रुपये का बिजली बिल पांच हजार रुपये में निबट गया. इसके एवज में उन्हें एक अधिकारी को घूस देने पड़े. उन्होंने बताया कि बिजली बिल में घूसखोरी को लेकर जब उन्होंने अधीक्षण अभियंता को बताया तो उन्होंने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया . इसके बाद संबंधित अधिकारी के खिलाफ एसआइटी के माध्यम से छापेमारी करायी गयी. उसके घर से करोड़ों की अवैध संपत्ति मिली. श्री मांझी ने बड़े साफगोई से कहा कि बैंक, थाना हर जगह बिचौलिये पैदा हो गये हैं.