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13 जिलों में हालात गंभीर

सितंबर के प्रथम सप्ताह में सूखाग्रस्त जिलों की होगी घोषणा पटना : राज्य के 13 जिलों में सुखाड़ के हालात गंभीर है. ये जिले सुखाड़ग्रस्त होने के सरकारी मानक को पूरा भी कर रहे हैं. पटना समेत धान का कटोरा कहे जानेवाला संपूर्ण शाहाबाद, सारण व सीवान से सटे इलाकों में सूखे की गंभीर स्थिति […]

सितंबर के प्रथम सप्ताह में सूखाग्रस्त जिलों की होगी घोषणा

पटना : राज्य के 13 जिलों में सुखाड़ के हालात गंभीर है. ये जिले सुखाड़ग्रस्त होने के सरकारी मानक को पूरा भी कर रहे हैं. पटना समेत धान का कटोरा कहे जानेवाला संपूर्ण शाहाबाद, सारण व सीवान से सटे इलाकों में सूखे की गंभीर स्थिति बनी हुई है.

13 जिले पटना, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, सारण, सीवान, मुजफ्फरपुर, शेखपुरा और जमुई में सामान्य से 50 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. सिर्फ चार जिले ऐसे हैं, जहां वर्षा सामान्य से अधिक हुई है और धान की रोपनी भी 50 प्रतिशत से अधिक हुई है. ये जिले हैं- मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय और बांका शामिल है. सरकार अगस्त के आखिरी सप्ताह तक वर्षा और रोपनी का आकलन करेगी. इसके बाद सितंबर के पहले सप्ताह में सुखाड़ की घोषणा हो सकती है.

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने कहा कि उचित समय पर सुखाड़ की घोषणा की जायेगी. कृषि विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार, राज्य में अब तक 35 मिमी कम बारिश हुई है. हालांकि, धान की रोपनी पिछले साल की तुलना में कम नहीं हुई है. कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि फिलहाल 13 जिलों में ही सुखाड़ के हालात हैं, जहां 50 प्रतिशत से कम बारिश हुई है और इतने ही प्रतिशत कम रोपनी हुई है. जबकि अन्य जिलों में सामान्य से कम बारिश के बावजूद धान की रोपनी संतोषजनक है.

जानकारी के अनुसार इस साल अब तक कुल औसत बारिश 360.3 मिली हुई है. 2013 में बारिश इसी तिथि को 374.1 मिली हुई और 2012 में 430.3 मिली हुई थी. अधिकारी ने बताया कि चार अगस्त तक पिछले साल धान की रोपनी का लक्ष्य 34 लाख हेक्टेयर था. 2014 में 19 लाख 55 हजार 795 हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई. 2013 में इस तिथि तक 18 लाख 20 हजार 807 हेक्टेयर और 2012 में 22 लाख 36 हजार 602 हेक्टेयर में हुई थी.

आंकड़ों में तालमेल नहीं

मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान के बाद कृषि विभाग ने धान की रोपनी का पंचायतवार आंकड़ा देने का निर्णय किया था, क्योंकि एक ही प्रखंड में कहीं अधिक तो कहीं बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई. लेकिन, मंगलवार को विभागीय अधिकारियों की बैठक में जो आकड़े उपलब्ध कराये गये, उनमें कई जिलों के आंकड़ों में तालमेल नहीं था. जिला कृषि पदाधिकारी ने जहां अधिक रोपनी दिखायी है, वहीं पंचायतवार मिले आंकड़ों में वह कम है.

14 जिलों ने तो पंचायतवार रोपनी का आंकड़ा ही उपलब्ध नहीं कराया है. इन जिलों में पटना, नालंदा, भोजपुर, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार शामिल हैं.

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