पटना : पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के लिए राज्य में भंडारण और वितरण पर ध्यान दिया जा रहा है. लाभुकों के चयन के लिए एक स्वतंत्र व अधिकार संपन्न आयोग बनना चाहिए.
‘ए फूड सिक्योर बिहार : चैलेंजेज एंड वे फॉरवर्ड’ विषय पर एएन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान में आयोजित कार्यशाले में उन्होंने ये बातें कहीं. साथ ही कहा कि मेरे कार्यकाल में कई बार बाढ़ व सुखाड़ का सामना करना पड़ा. इस वर्ष भी सुखाड़ की स्थिति है. सूबे को सूखाग्रस्त घोषित करना पड़ सकता है. खाद्य सुरक्षा कानून बनने के वक्त हमने सुझाव दिये थे. उनमें कुछ माने गये और कुछ नहीं.
उन्होंने कहा कि कृषि रोड मैप में उत्पादन बढ़ाने के साथ मार्केटिंग पर भी ध्यान दिया गया है. मौके पर निदेशक डीएम दिवाकर व पूर्व आइएएस अधिकारी आइसी कुमार थे. कार्यशाला में ‘फूड सिक्युरिटी इन बिहार : चैलेंजेज एंड अपॉरच्युनिटीज’ और ‘नेशनल फूड सिक्युरिटी एक्ट : कॉम्पोनेंट्स, एक्सपेक्टेशंस एंड अपॉरच्युनिटीज ’ विषयों पर दो सत्रों का आयोजन भी किया गया.
बिहार के लिए खाद्य सुरक्षा चुनौती : ज्यां द्रेज
अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करना बिहार के लिए बड़ी चुनौती है. पहले सार्वजनिक वितरण प्रणाली से किसी को कुछ मिलता नहीं था, अब तो कुछ मिल भी रहा है. आगे सुधार की उम्मीद है.