पटना: सुप्रीम कोर्ट ने नौ जुलाई को बंदर बगीचा स्थित संतोषा कॉम्प्लेक्स के ऊपर के तीन फ्लोर तोड़ने का आदेश नगर निगम को दिया है. निगम प्रशासन इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है. सोमवार को कार्यपालक अभियंता अविनाश कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने मापी शुरू कर दी. हर तल्ले के साथ कॉम्प्लेक्स की पार्किग, खाली भूखंड, सड़क की चौड़ाई और सेट बैक की भी मापी की गयी. नगर आयुक्त ने बताया कि अवैध हिस्से को तोड़ा जायेगा. गुरुवार तक रिपोर्ट जस्टिस एसएन झा को उपलब्ध करायी जायेगी.
कृष्णा सिटी हॉस्पिटल का एक फ्लोर टूटेगा
आवासीय भवन पर व्यावसायिक कार्य किये जाने पर नगर निगम ने कंकड़बाग स्थित कृष्णा सिटी अस्पताल के एक तल्ले को तोड़ने का आदेश दिया है. लोहिया नगर स्थित बिहार राज्य आवास बोर्ड की एमआइजी 91 पर 2008 में आवासीय दो फ्लोर का नक्शा पास किया गया. 2009 में वास्तुविद् आलोक कुमार ने अवैध तरीके से नक्शे को पुनरीक्षित कर पास करने की अनुशंसा कर दी.
आवासीय भवन में हॉस्पिटल का संचालन होने लगा. अधिवक्ता मधु श्रीवास्तव ने निगरानीवाद संख्या 41बी/12 दर्ज किया. नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने जी प्लस दो से अतिरिक्त निर्माण किये गये हिस्से को तोड़ने का आदेश दिया. साथ ही आवासीय भवन में हॉस्पिटल संचालन पर भी पाबंदी लगा दी. आदेश में कहा गया कि 30 दिनों में अवैध हिस्से को तोड़ दें अन्यथा निगम अपने संसाधन से तोड़ेगा और व्यय की राशि वसूल करेगा. कंकड़बाग थानाध्यक्ष को भी आदेश दिया गया है कि आवासीय भवन में हॉस्पिटल नहीं चले. अगर हॉस्पिटल का संचालन होता है तो बयान पर प्राथमिकी दर्ज करें.
बिना एनओसी के चल रहा था हॉस्पिटल : बिहार राज्य आवास बोर्ड की आवासीय भूखंड पर मकान के लिए नक्शा बनवाने से पहले बोर्ड से एनओसी लेना अनिवार्य है. हॉस्पिटल प्रबंधक ने जी प्लस दो के लिए बोर्ड से एनओसी लिया था, लेकिन पुनरीक्षित नक्शा के लिए एनओसी नहीं लिया और हॉस्पिटल का संचालन शुरू कर दिया. नगर आयुक्त ने बोर्ड के प्रबंध निदेशक से भी कहा है कि प्रतिवादी पुन: अस्पताल चलाता है,तो आवंटन रद्द कर दें.