पटना: रोहतास गोलीकांड पर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए गोली चलायी है. इसमें दो लोगों की मौत हुई है. थाने पर लोग चढ़ गये थे. पत्थरबाजी कर रहे थे. जीप भी जला दी थी और पुलिस की राइफल भी छीन ली थी. क्या पुलिस कर्मियों को मार दिया जाता तब वे गोली चलाते? मुख्यमंत्री ने कहा कि आइजी समेत वरीय पुलिस अधिकारी वहां कैंप कर रहे हैं. फिलहाल वहां का माहौल शांत है और नियंत्रण में है. पदाधिकारी से फोन पर बात हो रही है. वह अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे, तो कार्रवाई की जायेगी. इधर भाजपा ने पुलिस फायरिंग की न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही गुरुवार को रोहतास बंद की घोषणा भी की है. न्यायिक जांच की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच शुरू हो चुकी है. रिपोर्ट आयेगी, तो आगे कीकार्रवाई होगी. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है.
भाजपा ने रोहतास गोलीकांड की न्यायिक जांच के अलावा घटना में मारे गये दो निदरेष युवकों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये मुआवजा और रोहतास थाने में पदस्थापित सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने की मांग की. भाजपा ने रोहतास पुलिस फायरिंग के विरोध में 10 जुलाई (गुरुवार) को रोहतास बंद का भी आह्वान किया है. बंद रमजान के मद्देनजर दोपहर तीन बजे तक चलेगा.
भाजपा की जांच टीम शुक्रवार को रोहतास जा कर घटना की जांच करेगी. भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि सत्तापक्ष के सदस्य बिहार विधानमंडल की दोनों सदनों में नॉन इश्यू मामलों पर हंगामा कर सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं जबकि राज्य की चरमरा चुकी कानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा सदन में सरकार को जवाब देने को बाध्य कर रही है. मोदी ने कहा कि रोहतास पुलिस फायरिंग प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है. जब दो पक्ष में तनाव चल रहा था तभी पुलिस को इस मामले में सतर्कता बरतनी चाहिए थी, लेकिन रोहतास के डीएम और एसपी पुलिस फायरिंग की घटना के करीब छह घंटे बाद मौके पर पहुंचे. सदन में विपक्ष के हंगामे पर कहा कि सत्ताधारी दल खुद एक सक्रिय विपक्ष की भूमिका में है. राज्य की जनता जल्द ही उन्हें यह जिम्मेवारी देने वाली है. उन्होंने कहा कि सरकार गोलीकांड की जांच और मुआवजा में भी भेदभाव करती है. बगहा में हुई पुलिस फायरिंग में जहां पांच थारू जाति के लोगों की मौत पर सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया है, वहीं फारबिसगंज गोलीकांड के मृतक के परिजन को मुआवजे की राशि नहीं दी गयी है.
बिहार विधानसभा में इस मामले को लेकर हंगामा के बाद पत्रकारों से बातचीत में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि रोहतास में पुलिस ने जानबूझ कर उपेंद्र कुशवाहा और प्रदीप पासवान को गोली मारी है. उन्होंने कहा कि घटना की शुरुआत सात जुलाई से शुरू हुई थी. जब एक युवक अजय को कुछ लोग उसके घर खोजने गये थे,जब वह नहीं मिला,तो उसके भाई की पिटाई कर दी. लोग दुकान भी बंद करवाने लगे. दुकानदार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने गये, तो उन्हें भगा दिया गया. बाद में अजय को पुलिस ने पकड़ा, तो पुलिस के साथ भीड़ ने भी उसकी पिटाई कर दी. बाद में रोहतास थाने ने उसे इंद्रपुरी थाने में ट्रांसफर कर दिया. इसके बाद मंगलवार को परिजन अजय को ढूंढ़ने आये, तो उन्हें वहां से खदेड़ दिया गया. दोनों ओर से नोक-झोंक हुई और पुलिस ने उपेंद्र की कनपट्टी और प्रदीप के पेट में गोली मारी दी. सात से अधिक लोग घायल हैं.