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बजट अपशगुन, गरीबों का निवाला छिना : नंद किशोर

पटना: विधानसभा में मौका भले ही वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट पर बहस का हो, लेकिन नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव ने सरकार को हरेक मोरचे पर घेरा. लगभग डेढ़ घंटे के भाषण में नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को आर्थिक मोरचे पर विफल करार दिया. उन्होंने बजट को अपशगुन से भरा बताते हुए कहा कि […]

पटना: विधानसभा में मौका भले ही वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट पर बहस का हो, लेकिन नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव ने सरकार को हरेक मोरचे पर घेरा. लगभग डेढ़ घंटे के भाषण में नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को आर्थिक मोरचे पर विफल करार दिया.

उन्होंने बजट को अपशगुन से भरा बताते हुए कहा कि केंद्रीय सहायता राशि को भी बजट उपबंध में जोड़ दिया गया है. वास्तविक बजट 40 हजार करोड़ का है. इस पर वित्त मंत्री विजेंद्र यादव ने टोकते हुए कहा कि हमने भ्रम नहीं फैलाया है. केंद्रीय राशि का अलग उपबंध में शामिल किया गया है. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि एनडीए सरकार द्वारा प्रत्येक बजट में 20 फीसदी राशि बढ़ाने के निर्णय का पालन किया गया है. साथ ही उन्होंने विभागवार आवंटन में कमी का मसला उठाया. उन्होंने कहा कि कृषि में नाम मात्र का आवंटन महज 16 करोड़ बढ़ाया गया. इसी तरह अनुसूचित जाति/ जनजाति कल्याण मद में भी आवंटन पिछले वर्ष की ही तरह 857 करोड़ रखा गया.

महादलित के सीएम बनने के बाद भी बदलाव नहीं हुआ. जल संसाधन मद में आवंटन में 99 करोड़ की कटौती कर दी गयी. साथ ही उन्होंने वित्तीय वर्ष 2013-14 में कई विभागों कृषि, पंचायती राज, पशुपालन, ग्रामीण विकास, विज्ञान व तकनीक, पर्यटन, शहरी विकास आदि विभागों द्वारा योजना राशि के कम खर्च पर सवाल उठाया. इसके जरिये उन्होंने जीतन राम मांझी सरकार पर राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव होने का आरोप लगाया. नेता प्रतिपक्ष के अनुसार, जब सरकार बचाने में दिन-रात लगे रहते हैं, तो विकास कहां से होगा. इसके अलावा किसान, पशु, दूध व मछली आदि के मसले पर सरकार खूब खड़ी-खोटी सुनाई. उन्होंने कम मूल्य पर जोया डेयरी को दूध मुहैया करने का मामला भी उठाया. गांधी सेतु पर 10 चक्कों के ट्रकों के आवागमन पर चार-छह घंटे की छूट देने की मांग भी उठाई.

राशन कार्ड व तबादला मामले में सीएम की सफाई
नंद किशोर यादव ने जब सरकार पर खाद्य सुरक्षा को लेकर गरीबों को अनाज व राशन कार्ड में अनियमितता से जुड़े आरोप लगाये तो इसकी सफाई में सीएम आगे आये. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि केंद्रीय खाद्य व आपूर्ति मंत्री से मुलाकात के दौरान राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखा था. अनाज का जितना खेप ट्रेन से लाने की बात कही, वह सब झूठी है.

केंद्र सरकार के तहत आनेवाले भंडार गृहों की क्षमता कम है. केंद्रीय मंत्री ने एफसीआइ के गोदाम व कार्यालय के निरीक्षण के दौरान एक अधिकारी को सस्पेंड करने का फरमान सुनाया. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने इसे केंद्र की पिछली यूपीए सरकार को कसूरवार ठहराया. वहीं मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग में अभियंताओं के तबादले को लेकर नेता प्रतिपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया. मुख्यमंत्री के अनुसार, सच्चई यह है कि तबादले को लेकर शिकायत आयी तो उन्होंने समीक्षा के बाद निर्णय करने को कहा था.

नहीं हुए खर्च: नंद किशोर यादव

कृषि- 2013-14 में बजट 2,160 करोड़, खर्च 1614 करोड़ रुपये.

पशुपालन विभाग- बजट 708 करोड़, खर्च 152 करोड़.

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा 550 करोड़ की राशि खर्च नहीं हुई.

24 घंटे व 72 घटे में ट्रांसफार्मर बदलने की घोषणा विफल.

2015 तक घर-घर बिजली पहुंचाने की योजना विफल.

ग्रामीण सड़क मद में 400 करोड़ रुपये खर्च नहीं.

मुख्यमंत्री चापाकल योजना का लचर प्रदर्शन.

80 फीसदी प्रारंभिक विद्यालयों में हेडमास्टर नहीं.

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