भागलपुर/शाहकुंड: शाहकुंड थाना क्षेत्र के पचरुखी-खुलनी पथ के बांध के पास सोमवार की रात करीब साढ़े आठ बजे रमनी बहियार में पुलिस और अपराधियों के बीच जम कर मुठभेड़ हो गयी. इसमें शाहकुंड थाने में पदस्थापित दारोगा अविनाश कुमार (35) शहीद हो गये.
अपराधियों ने दारोगा के नाक में गोली मारी. इससे वे गंभीर रूप से जख्मी हो गये. शाहकुंड पीएचसी से बेहतर इलाज के लिए उन्हें जेएलएनएमसीएच रेफर कर दिया गया, जहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने दारोगा को मृत घोषित कर दिया.
चार थानों की पुलिस कर रही कांबिंग
मुठभेड़ में दोनों तरफ से जमकर गोलीबारी हुई, लेकिन दो मुख्य अपराधी बच कर भाग निकले. पुलिस ने इस सिलसिले में खुलनी गांव निवासी तारणी मंडल को गिरफ्तार किया है. शहीद अविनाश 2009 बैच के दारोगा थे और मूलत: मुंगेर जिले के महादेवपुर, नौवागढ़ी के रहने वाले थे. 2012 में उनकी शादी नौवागढ़ी के ही जानकी नगर में हुई थी. घटना के बाद अपराधियों की धर-पकड़ के लिए चार थानों के पुलिस अफसर और बल को शाहकुंड इलाके में कांबिंग के लिए लगाया गया है. लेकिन देर रात तक पुलिस को सफलता नहीं मिल पायी थी. घटना की जानकारी मिलते ही डीआइजी संजय सिंह समेत जिले के तमाम आला पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंच गये. डीआइजी ने 24 घंटे के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है.
पहली ही गोली से हुई दारोगा की मौत
चार-एक के बल के साथ अविनाश रात्रि गश्ती में थे. इस दौरान पचरुखी बाजार पहुंचने पर सूचना मिली कि दो अपराधी हाथ में पिस्तौल लिये अभी-अभी बहियार की ओर से भागे हैं. दोनों ही अपराधी पचरुखी बाजार के मुर्गा व्यवसायी से रंगदारी मांगने पहुंचे थे. पुलिस गश्ती दल ने दोनों अपराधी का पीछा करना शुरू कर दिया. खुलनी पहुंचने पर आगे रास्ता नहीं था. इस कारण दारोगा अविनाश पुलिस बलों को लेकर जीप से उतर गये और पैदल ही अपराधियों का पीछा करने लगे. बहियार में अंधेरा था. इस कारण पुलिस को अपराधी नहीं दिखे. कुछ फर्लाग से अपराधी पुलिस को टारगेट कर फायरिंग करने लगे. अपराधियों की पहली ही गोली दारोगा अविनाश के नाक में लग गयी और वे गिर पड़े. यह देख गश्ती दल के अन्य सिपाही ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाब में अपराधियों ने भी फायरिंग की. लेकिन अंधेरे का फायदा उठा कर अपराधी बच निकले.