पटना : बिहार सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर दी गई आवश्यक निजी कर्मियों की सेवा लेने से नीतीश कुमार ने यह कहते हुए इनकार कर दिया है यह सेवा प्रदेश के अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों को उपलब्ध नहीं है. बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की अध्यक्षता में कल संपन्न हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर आवश्यक निजी कर्मियों की सेवा उपलब्ध कराने के तहत नीतीश कुमार को अगले पांच वर्षो के लिए दो अतिरिक्त सचिव, दो निजी सचिव, दो निम्न वर्ग लिपिक तथा चार चतुर्थवर्गीय कर्मचारी उपलब्ध कराए जाने को मंजूरी दी गयी थी.
नीतीश ने बताया कि उनका ध्यान रखे जाने के लिए वे मांझी मंत्रिमंडल को धन्यवाद देते हैं पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को कानूनन ऐसी सेवा उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण उन्हें इन सुविधाओं की आवश्यक्ता नहीं है. उन्होंने बताया कि उन्हें समाचार पत्रों के जरिए यह पता चला कि अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों में केवल उन्हें आवश्यक निजी कर्मियों की सेवा उपलब्ध करायी गयी है. उन्होंने कहा कि उन्हें यह सुविधा नहीं चाहिए. नीतीश कुमार ने कहा कि वे उन्हीं चीजों को स्वीकार करेंगे जो पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते वे पाने के हकदार हैं पर उससे अधिक नहीं.
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में जदयू के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गत 17 मई को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. नीतीश के इस्तीफे के बाद जदयू विधायक दल द्वारा उन्हें पार्टी का नया नेता चुनने के लिए अधिकृत किया गया था. उन्होंने जीतन राम मांझी को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर चुना और 20 मई को राज्यपाल डी वाई पाटिल ने मांझी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.मांझी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए जाने बाद नीतीश ने आवास सहित मुख्यमंत्री के तौर पर प्राप्त सभी सुविधाएं लौटा दी थी, जिसके बाद अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जा रही सुविधा के तहत उन्हें भी पटना के सात सकुर्लर रोड पर नया आवास उपलब्ध कराया गया है.