आर्थिक अपराध इकाई : वर्ष 2016 में 54 मूर्तियां की गयी थीं बरामद, आरोपपत्र भी दायर
पटना : प्रदेश के विभिन्न इलाकों से चोरी बहुमूल्य मूर्तियों की बरामदगी में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. पिछले (2017) साल 21 मामलों में प्राचीन व पुरातत्व महत्व की 18 मूर्तियां इसी इकाई की मदद से बरामद की गयीं हैं. वर्ष 2016 में तो इस इकाई ने 56 मामलों में 54 मूर्तियां बरामद करने में सफलता पायी थी.
इतना ही नहीं, इस इकाई ने इंदिरा आवास आवंटन, बीमा राशि गबन, साइबर सेल, बैंकिंग वित्तीय संस्थानों, अवैध मादक पदार्थ तस्करों के विरुद्ध जाली नोट आदि के मामले में भी बड़ी कार्रवाईयों को अंजाम दिया है.
ईओयू से प्राप्त सूचना के अनुसार, इकाई की अनुशंसा पर राज्य सरकार की ओर से मंदिरों की चल, अचल संपत्ति की सुरक्षा तथा मंदिरों में स्थापित बहुमूल्य मूर्तियों की निगरानी एवं सुरक्षा के लिये जिम्मेदारी दी गयी थी. इसमें मंदिरों के चहारदीवारी निर्माण सहित कई अन्य काम भी शामिल थे. इनका लगातार अनुपालन भी इकाई के माध्यम से हो रहा है.
प्राचीन व पुरातात्विक महत्व की मूर्तियों की चोरी की रोकथाम, अपराधियों की गिरफ्तारी, मूर्तियों की बरामदगी व अनुसंधान के लिए इकाई ने संबंधित जिलों की पुलिस का सहयोग भी किया है.
वर्ष 2013 में आर्थिक अपराध इकाई की ओर से भगवान महावीर की बहुमूल्य प्राचीन मूर्ति की बरामदगी की गयी थी. इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करते हुए छह अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया गया था. इसके बाद जांच हुई और आरोपपत्र भी दायर किया गया था.
जाली नोटों में भी कार्रवाई
जाली नोटों के परिचालन और तस्करी के विरुद्ध भी ईओयू ने बखूब कार्रवाईयों को अंजाम दिया है. आंकड़ों पर गौर करें तो इकाई ने अभी तक 42 लाख रुपये मूल्य के जाली नोट जब्त किया गया है. 10 मामले दर्ज किये गये हैं. दो मामलों में तीन तस्करों को सजा भी हुई है. राज्य में कुल 470 लाख रुपये मूल्य के जाली नोट जब्त किये गये हैं.