पटना: सूबे के 63 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) शीघ्र ही भवन व आइटी उपकरणों से सुसज्जित होंगे. इसके लिए संस्थानों को राशि पूर्व में ही उपलब्ध करा दी गयी है. श्रम संसाधन विभाग ने संस्थानों की समीक्षा कर कार्यो में तेजी लाने का निर्देश दिया है.
हर संस्थान को औसतन 2.50 करोड़ : श्रम संसाधन विभाग राज्य के 13 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को पीपीपी मोड पर संचालित कर रहा है. इसके लिए विभाग ने हर आइटीआइ को औसतन ढ़ाई करोड़ रुपये भवन निर्माण, मशीन, उपकरण, पुस्तक व सामान आदि की खरीद के लिए दिया है. वित्तीय वर्ष 2013-14 में अधिकतर संस्थानों ने राशि सही तरीके से खर्च नहीं की. हाजीपुर आइटीआइ ने महज 45 लाख रुपये ही खर्च किये. डेहरी ने दो करोड़ रुपये खर्च कर भवन का निर्माण कराया है. राशि खर्च करने के मामले में सबसे खराब स्थिति बेतिया और वीरपुर की है, जहां एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ. सचिव ने विश्व बैंक संपोषित आइटीआइ भागलपुर, मुजफ्फरपुर, कटिहार, गया, मोतिहारी, दरभंगा, सीतामढ़ी व फारबिसगंज को दी गयी राशि खर्च नहीं करने पर नाराजगी जतायी है. आश्चर्य तो यह है कि सीतामढ़ी आइटीआइ ने पूरी राशि ही सरेंडर कर दी है. विश्व बैंक की परियोजना भारत सरकार के सहयोग से 2007-08 में शुरू हुई थी. इसका विस्तार 2010 तक दिया गया है.
महिला प्रशिक्षण की व्यवस्था
श्रम संसाधन सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य में केंद्र सरकार का एक भी प्रशिक्षण संस्थान नहीं है. इसके लिए केंद्र सरकार के सहयोग से दीघा स्थित आइटीआइ में क्षेत्रीय वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की दिशा में पहल की जा रही है. यहां पर खासकर महिलाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी. जमीन राज्य सरकार को देनी है, जबकि संस्थान का निर्माण केंद्र सरकार करायेगी.