पटना: तीन साल पहले बेटे की मौत में इंसाफ के लिए बूढ़ा बाप तेरस महतो अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. पिता तेरस महतो का आरोप है कि जक्कनपुर पुलिस जान-बुझ कर हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं कर यूडी केस दर्ज कर दिया था. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर तमाम पुलिस अधिकारियों तक से गुहार लगायी है. एक बार फिर वे उम्मीद लिये गुरुवार को एसएसपी मनु महाराज के कार्यालय पहुंचे. वहां डीएसपी बीके दास लोगों के मामले को सुन रहे थे और आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दे रहे थे. उनके आवेदन पर डीएसपी ने मामले की जांच कर हत्या की प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देते हुए आवेदन को जक्कनपुर थाना भिजवा दिया है.
29 सितंबर, 2011 की घटना : दरअसल लगभग ढाई साल पहले चालक मंटू महतो का शव मीठापुर बस स्टैंड में संदिग्ध परिस्थिति में मिला था. उसके पास रहे 45 हजार रुपये गायब थे. मंटू जमशेदपुर में चालक का काम करता था और वह केशव माधव बस से अपने छपरा स्थित आवास पर आने के लिए निकला था. उसने अपने पिता रिक्शा चालक तेरस महतो (अगहरा, मढ़ौरा, सारण) को फोन से जानकारी दी थी कि आठ माह की कमाई के रूप में 45 हजार रुपये लेकर घर आ रहा है, लेकिन 29 सितंबर को जक्कनपुर पुलिस ने उनके शव मिलने की जानकारी दी थी.
तेरस महतो को पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद बेटे का शव उन्हें सौंप दिया. तेरस महतो का आरोप है कि जक्कनपुर पुलिस ने इस मामले में हत्या का मुकदमा नहीं किया और यूडी केस दर्ज कर मामले को रफा-दफा कर दिया है. उनका कहना है कि उसके बेटे की हत्या क र पैसे लूट लिये गये. इसके लिए उन्होंने बस के चालक व खलासी पर संदेह जाहिर किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी.