पटना: राजधानी की यातायात व्यवस्था के लिए नयी कार्ययोजना बनायी गयी है. गृह विभाग ने सरकार को इसके लिए प्रस्ताव भेजा है. अगर प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गयी, तो भीड़-भाड़वाले इलाकों में सड़क जाम की स्थिति से निजात पायी जा सकती है. सरकार के आकलन के अनुसार, राजधानी की सड़कों पर हर रोज एक लाख छोटी-बड़ी गाड़ियां चलती हैं और इतनी ही बाहर से आती हैं और यहां से जाती हैं. इनको नियंत्रित करने के लिए जो संसाधन होने चाहिए, वह पटना पुलिस के पास नहीं है.
1811 की जगह मात्र 611 पुलिसकर्मी
1980 में पटना के ट्रैफिक के लिए सरकार ने 473 पद सृजित किये थे. उस वक्त राजधानी की आबादी लगभग 10 लाख थी. आज यह 25 लाख से अधिक हो गयी है. उस वक्त लगभग 50 हजार वाहन ही पटना की सड़कों पर चलते थे और आज यह संख्या लगभग एक लाख हो गयी है. संसाधन की बात करें, तो वर्तमान में लगभग 1897 पुलिसकर्मियों की जरूरत है, लेकिन काम कर रहे हैं 611.
एक एएसपी का भी पद होगा सृजित
पटना शहरी क्षेत्र का विस्तार फतुहा से लेकर गौरीचक, संपतचक, परसा बाजार, नौबतपुर, शाहपुर से बिहटा तक हो गया है. दो वर्ष पहले बाइपास व सगुना मोड़ में नया यातायात थाना खोला गया था. पहले गांधी मैदान से पूरे पटना की यातायात व्यवस्था पर नियंत्रण रखा जाता था, जिसका कार्य क्षेत्र जगदेव पथ से सुलतानगंज थाने तक है. इसके लिए तीन डीएसपी के पद सृजित हैं. वर्तमान की आवश्यकताओं को देखते हुए एक अपर पुलिस अधीक्षक और तीन डीएसपी के पद सृजित करने की जरूरत है. इससे संबंधित प्रस्ताव प्रशासी पद वर्ग समिति को भेजी गयी है. इन पदों के सृजन के बाद सरकार के खजाने पर 32.78 लाख का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा.
कहां किसकी जिम्मेवारी
अपर पुलिस अधीक्षक : यातायात आधुनिकीकरण, यातायात संचालन कार्य पर प्रशासनिक एवं तकनीकी निगरानी, प्रशिक्षण, दुर्घटना के कांडों का अनुसंधान एवं निरीक्षण, सीसीटीवी कैमरे का संचालन, नियंत्रण और वरीय अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक यातायात को दैनिक कार्य में सहयोग.
पुलिस उपाधीक्षक 1 : गांधी मैदान थाना, जक्कनपुर, बुद्धा कॉलोनी थाना व कोतवाली थाना.
पुलिस उपाधीक्षक 2 : पीरबहोर थाना, सुलतानगंज थाना, कदमकुआं थाना, कंकड़बाग थाना, पत्रकार नगर थाना, रामकृष्णा नगर थाना, बहादुरपुर थाना व आलमगंज थाना.
पुलिस उपाधीक्षक 3 : पाटलिपुत्र थाना, सचिवालय थाना, गर्दनीबाग थाना, बेऊर थाना, शास्त्रीनगर थाना, हवाई अड्डा थाना, राजीव नगर थाना व श्रीकृष्णापुरी थाना.
पुलिस उपाधीक्षक 4 : रूपसपुर थाना, दानापुर थाना, खगौल थाना, शाहपुर थाना व फुलवारीशरीफ थाना.
पुलिस उपाधीक्षक 5 : बाइपास थाना, दीदारगंज थाना, गोपालपुर थाना, फतुहा थाना, चौक थाना व मालसलामी थाना.
पुलिस उपाधीक्षक 6 : गांधी सेतु से जीरोमाइल तक के यातायात संचालन व दुर्घटना से संबंधित कांडों का पर्यवेक्षण.
जाम के कारण
पुलिस ने जो व्यस्ततम मार्ग चिह्न्ति किये हैं, उनमें गांधी सेतु से जीरोमाइल तक, डाकबंगला चौराहा, अशोक राजपथ, पटना सिटी, स्टेशन रोड, अगमकुआं से राजेंद्रनगर होते हुए चिड़ैयाटांड़ व बेऊर से चितकोहरा होते हुए फुलवारीशरीफ, सगुना मोड़ से दानापुर तक की सड़कें हैं. जाम का कारण वाहनों खासकर ऑटो का बेतरतीब परिचालन, धरना-जुलूस-प्रदर्शन, यातायात नियमों का पालन नहीं होना मुख्य कारण है. कारणों का विेषण करने पर खुलासा हुआ है कि ज्यादातर दुर्घटनाओं का कारण लहरियाकट बाइक के परिचालन, ड्राइवरों का शराब पीकर गाड़ी चलाना व यातायात नियमों का पालन नहीं होना है.
क्या हुई नयी पहल
राज्य सरकार ने यातयात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए अब तक राजधानी में लगभग आधा दर्जन ओवरब्रिजों का निर्माण कराया है. अब विद्युत भवन से ललित भवन तक फ्लाइ ओवरब्रिज का निर्माण होना है. इसके अलावा गंगा पाथ वे और मेट्रो रेल चलाने की भी योजना है. इसकी डीपीआर तैयार हो गयी है. बेली रोड फ्लाइओवर का शिलान्यास हो चुका है. इसके मार्च, 2015 तक पूरा होने की संभावना है. 2018 तक मेट्रो रेल दौड़ाने की भी योजना है. इसके लिए प्रारंभिक काम हो रहा है. यातायात नियंत्रण के लिए ट्रैफिक जवानों की कमी है. फिलहार इस कमी को होमगार्ड के जवानों से पूरा किया जाता है.