पटना. बिहार सरकार की खाद्य निगम (एसएफसी) अब अपनी सरकार से महंगी कर्ज नहीं लेगा. अब निगम को सरकारी बैंक बिना राज्य सरकार की गारंटी के ही पर्याप्त कर्ज देने पर राजी हो रहा है.
खाद्य निगम के अधिकारी ने बताया कि एसएफसी को धान सहित अन्य खाद्यान्न की अधिप्राप्ति के लिए 13 प्रतिशत की दर से सात सौ करोड़ रुपये कर्ज आवंटित की थी. इस बीच सरकारी बैंक ने निगम की अच्छी हालत और सरकार की मदद की उम्मीद पर बिन किसी गारंटी के ही निगम को कर्ज देने की स्वीकृति प्रदान की है.
निगम के अधिकारी ने बताया कि इंडियन बैंक ने निगम को मात्र 10.2 प्रतिशत की बेस रेट पर दो हजार करोड़ तक की कर्ज देने की स्वीकृति दी है. इसके लिए बैंक के अधिकारी ने विभाग के अधिकारी के साथ समझौता भी कर लिया है. अब तक निगम को बैंक ने 12 सौ करोड़ रुपये कर्ज दे भी चुकी है. अधिकारी ने बताया कि पूर्व में कोई बैंक निगम को कर्ज देने को तैयार नहीं होता था. अब इंडिया बैंक समेत कई अन्य सरकारी बैंक कर्ज देने को तैयार है. बैंक से कम दर पर कर्ज मिलने के बाद राज्य खाद निगम ने बिहार सरकार से 13 प्रतिशत की दर पर मिली सात सौ करोड़ रुपये वापस कर दी है. विभागीय अधिकारी ने बताया कि कम दर पर कर्ज मिलने से राज्य के पैक्स और व्यापार मंडलों की आमदनी में वृद्धि होगी.
अब तक इनके लाभ से ही कर्ज की राशि का सूद भरा जाता था. खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि राज्य खाद्य निगम अब सुचारु रूप से धान और गेहूं की खरीद कर सकेगा.