36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अभय सिंह चौटाला ने विजय गोयल पर निशाना साधा, कहा, खेल मंत्री के रुप में गोयल नाकाम

नयी दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के पूर्व दागी अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने उन्हें राष्ट्रीय ओलंपिक संस्था का आजीवन अध्यक्ष नियुक्त करने की आलोचना करने पर विजय गोयल पर निशाना साधते हुए कहा कि खेल मंत्री को अपने काम पर ध्यान लगाना चाहिए क्‍योंकि वह अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने में विफल रहे […]

नयी दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के पूर्व दागी अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने उन्हें राष्ट्रीय ओलंपिक संस्था का आजीवन अध्यक्ष नियुक्त करने की आलोचना करने पर विजय गोयल पर निशाना साधते हुए कहा कि खेल मंत्री को अपने काम पर ध्यान लगाना चाहिए क्‍योंकि वह अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने में विफल रहे हैं.

खेल मंत्री गोयल ने कल सुरेश कलमाडी और चौटाला की दागी जोड़ी आजीवन अध्यक्ष बनाने के लिए आईओए की आलोचना करते हुए कहा था कि यह ‘बिलकुल अस्वीकार्य’ है क्योंकि दोनों के खिलाफ गंभीर आपराधिक और भ्रष्टाचार के आरोप हैं. कल चेन्नई में आईओए की वार्षिक आम बैठक में कलमाडी और चोटाला को आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था.

चौटाला ने कहा, ‘‘खेल मंत्री विजय गोयल की प्रतिक्रिया से मैं हैरान हूं. वे दावा कर रहे हैं कि मेरे खिलाड़ी आपराधिक और भ्रष्टाचार के मामले हैं. मेरे खिलाफ मामला आपराधिक नहीं बल्कि राजनीतिक मामला है.’ उन्होंने कहा, ‘‘गोयल खेल मंत्री के रुप में अपनी जिम्मेदारी में विफल रहे हैं.
मैं उन्हें सलाह देता हूं कि वह खेल मंत्री के रुप में अपनी जिम्मेदारी पूरी करें क्योंकि अगर वह ऐसा करेंगे तो हमारे पदकों की संख्या में कई गुना इजाफा होगा और उन्हें इसके लिए श्रेय मिलेगा. बिना तथ्यों को जाने विवाद में पडने से अच्छा है कि वे अपने काम पर ध्यान दें.’ चौटला ने कहा कि उन्होंने भारत में ओलंपिक खेलों में पर्याप्त काम किया है जिससे वह आईओए के आजीवन अध्यक्ष पद के हकदार हैं.
चौटाला ने गोयल के उनकी नियुक्ति पर आपत्ति जताने के समय पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मेरी नियुक्ति को लेकर गोयल को हो रही दिक्कत का सवाल है तो उनसे पूछा जाना चाहिए कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान एक खेल परिषद बनाई गई थी और इस खेल परिषद में विजय कुमार मल्होत्रा अध्यक्ष थे और मुझे उनके साथ उपाध्यक्ष बनाया गया था. अगर मैंने खेलों में कोई योगदान नहीं दिया तो उस पद के लिए मेरे नाम पर विचार क्यों किया गया था.’ कलमाडी 1996 से 2011 तक आईओए अध्यक्ष रहे और 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के संलिप्तता के कारण उन्होंने 10 महीने जेल में भी काटे लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया.
चौटाला दिसंबर 2012 से फरवरी 2014 तक आईओए अध्यक्ष रहे जबकि राष्ट्रीय ओलंपिक संस्था को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव में उतारने के कारण निलंबित कर दिया था जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल थे. आईओसी ने बाद में आईओए प्रमुख के तौर पर चौटाला के चुनाव को रद्द कर दिया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें