नयी दिल्ली : रियो ओलंपिक में भारतीय उम्मीद बनकर गये पहलवान योगेश्वर दत्त को पहले ही दौर में हारकर बाहर का रास्ता देखना पड़ा. रियो में योगेश्वर ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया. यह बात खुद उन्होंने स्वीकार की है. स्पर्धा समाप्त होने के बाद उन्होंने खुद सोशल मीडिया में अपनी एक वीडियो डाल कर देश से माफी मांगी थी.
बहरहाल रियो में तो योगेश्वर ने कुछ नहीं किया, लेकिन 2012 में खत्म हुए लंदन ओलंपिक में उनका भाग्य चमक गया है. आप सोच रहे होंगे की आज से चार साल पहले खत्म हुई स्पर्धा में भला योगेश्वर दत्त का भाग्य कैसे बदल गया. जी हां हुआ कुछ ऐसा ही. दरअसल लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने रेपचेज राउंड में जीतकर देश को कांस्य पदक दिलाया था. लेकिन अब उनका कांस्य पदक रजत पदक में बदल गया है. ऐसा होने से योगेश्वर दत्त रजत पदक जीतने वाले भारतीय खिलाडियों में शामिल हो गये हैं.
हुआ कुछ ऐसे, लंदन ओलंपिक में रजत पदक विजेता रूसी दिवंगत खिलाड़ी बेसिक कुडुखोक डोप टेस्ट में नाकाम रहे और उनका पदक वापस ले लिया गया. ऐसे में योगेश्वर का कांस्य रजत में बदल गया. रुसी एजेंसी फ्लोरेसलिंग डाट ओआरजी के मुताबिक चार बार के विश्व चैम्पियन और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता कुडुखोव को विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी द्वारा कराये गए डोप टेस्ट में पाजीटिव पाया गया. कुडुखोव की 2013 में रुस में एक कार दुर्घटना में मौत हो गयी थी.
* रेपचेज में जीतकर कांस्य में कब्जा जमाया था योगेश्वर ने
योगेश्वर ने लंदन ओलंपिक 2012 में पुरुषों के 60 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीता था. रियो ओलंपिक में पुरुषों के 65 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में पहले दौर में ही बाहर हुए योगेश्वर लंदन में कुडुखोव से प्री क्वार्टर फाइनल में हार गए थे लेकिन रुसी पहलवान के फाइनल में पहुंचने के बाद उन्हें रेपेचेज खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने कांस्य पदक जीता था.