36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारतीय हॉकी की नायाब धरोहर गायब

चंडीगढ़ : भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण भारतीय हॉकी के स्वर्णिम इतिहास की नायाब धरोहर गायब हो चुकी है और साइ को महान ओलंपियन बलबीर सिंह सीनियर द्वारा 1985 में दान में दी गई यादगार धरोहरों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ये चीजें प्रस्तावित संग्रहालय बनाने के लिए […]

चंडीगढ़ : भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण भारतीय हॉकी के स्वर्णिम इतिहास की नायाब धरोहर गायब हो चुकी है और साइ को महान ओलंपियन बलबीर सिंह सीनियर द्वारा 1985 में दान में दी गई यादगार धरोहरों के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

ये चीजें प्रस्तावित संग्रहालय बनाने के लिए दी गयी थी जिनमें ओलंपिक ब्लेजर, पदक और दुर्लभ तस्वीरें शामिल थी लेकिन यह संग्रहालय कभी नहीं बना. ओलंपिक तिहरे स्वर्ण पदक विजेता 91 बरस के बलबीर सिंह सीनियर ने 1985 में अपने पदक और धरोहरें तत्कालीन साइ सचिव को दी थी और तब उनसे कहा गया था कि इनकी नुमाइश राष्ट्रीय खेल संग्रहालय में की जायेगी. बलबीर सीनियर ने कहा कि उन्हें बाद में बताया गया कि संग्रहालय दिल्ली में बनाया जायेगा.

लंदन ओलंपिक 2012 से पहले जब इसके बारे में पूछा गया तो साइ अधिकारियों को इसकी कोई जानकारी नहीं थी. एक साल पहले खेलमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और साइ अधिकारियों ने चंडीगढ में बलबीर सीनियर से उनके घर पर मुलाकात की तब मामले की जांच का वादा किया था.

इस बीच पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के वकीलों के एक समूह ने दिल्ली स्थित साइ कार्यालय और पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान से आरटीआई से जानकारी मांगी तो आश्चर्यजनक तथ्य सामने आये हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें