नयी दिल्ली : भारत की 1990 और 1994 एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य और प्रो कबड्डी लीग के दूसरे सत्र के लिये पुणेरी पल्टन टीम के मुख्य कोच अशोक शिंदे का मानना है कि लीग के लिये नियमों के किये गये बदलाव से यह खेल अधिक रोचक और आकर्षक बन गया है.
अर्जुन पुरस्कार विजेता शिंदे ने कहा, कबड्डी को रोचक बनाने के लिये प्रो कबड्डी लीग में नियमों में कुछ बदलाव किये गये थे. अब एक रेड 30 सेकेंड तक सीमित कर दी गयी है और यदि रेडर दो बार स्कोर नहीं बना पाता है तो उसे तीसरी रेड में हर हाल में अंक बनाने होंगे. इससे खेल में जरुरी स्पीड आ गयी. इसके अलावा बोनस अंक की व्यवस्था भी है.
उन्होंने कहा, पहले टीमें दो अंकों की बढ़त को भी बचाये रखने की कोशिश करती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है. वह आखिर तक कोशिश करती हैं. इससे खेल अधिक रोचक और आकर्षक बन गया है. पुणे की टीम पिछले साल आठ टीमों के टूर्नामेंट में 14 मैचों में केवल दो मैच जीतकर आखिरी स्थान पर रही थी लेकिन शिंदे ने कहा कि फिटनेस में सुधार, बेहतर तालमेल और बढे आत्मविश्वास के कारण इस बार 18 जुलाई से शुरु होने वाली लीग में उनकी टीम अच्छे परिणाम देने में सफल रहेगी.
पहली बार पुणेरी पल्टन से जुडे शिंदे ने कहा, हम पिछली बार की गलतियों से सीख ले रहे हैं. पहले सत्र में टीम में आत्मविश्वास और तालमेल की कमी थी. उसकी फिटनेस का स्तर भी अच्छा नहीं था. इस बार हमने इन तीनों पहलुओं पर गौर किया है. शिंदे ने कहा, फिटनेस महत्वपूर्ण है और इसलिए मैंने जो पहले दो शिविर लगाये उनमें केवल फिटनेस पर ध्यान दिया. अभी हमारा तीसरा शिविर चल रहा है जिसमें हम खिलाडियों के तालमेल और खेल के अन्य पहलुओं पर भी ध्यान दे रहे हैं.
अपने जमाने में लिटिल मैन के नाम के मशहूर शिंदे ने कहा कि उन्होंने टीम के लिये कोई लक्ष्य तय नहीं किया है और एक बार में एक मैच पर ध्यान देंगे. टीम जीत के साथ शुरुआत करना चाहती है और उसकी निगाह अभी 20 जुलाई को तेलुगु टाइटन्स के खिलाफ होने वाले अपने पहले मैच पर टिकी है.
उन्होंने कहा, यदि हम एक बार में एक मैच पर ध्यान देते हैं तो हमें अपने आप ही अनुकूल परिणाम मिलेंगे. हमने सेमीफाइनल या फाइनल ऐसा कोई लक्ष्य तय नहीं किया है. अभी मैं इतना ही कह सकता हूं कि इस बार हम पिछली बार की तुलना में अच्छे परिणाम देंगे. शिंदे ने कहा कि पिछले सत्र की तुलना में इस बार अधिक खिलाडियों को टीम में रखने की व्यवस्था से टीमों के पास विकल्प हो गये हैं.
उन्होंने कहा, पिछले साल यह ध्यान में नहीं रखा गया था कि इस खेल में चोट लगने की संभावना भी बनी रहती है. इसलिए इस बार भारतीय एमेच्योर कबड्डी संघ और स्टार स्पोर्ट्स ने मिलकर सात आठ अधिक खिलाडियों को टीम से जोडने की व्यवस्था की है. इससे आपके पास ज्यादा विकल्प हो गये हैं. हमने अपनी टीम में युवा और अनुभव का मिश्रण रखा है.
शिंदे ने कहा, हमारे पास अच्छे खिलाड़ी हैं. (कप्तान) वजीर सिंह पिछली बार की सारी कमियों को ध्यान में रखकर इस बार स्वयं उन्हें दूर करने की कोशिशों में लगे हैं. वह बेहद फिट और समर्पित खिलाड़ी हैं और मुझे लगता है कि अभी दो तीन साल और खेलेंगे. उन्होंने कहा, इसके अलावा हमारे पास तीन विदेशी खिलाड़ी हैं. इनमें ओमान के वालीद अल हसानी और कीनिया सिमोन किबुरा पिछले साल से टीम से जुडे हैं और यहां की परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. कुल मिलाकर हमारी टीम काफी संतुलित है और उम्मीद है कि इस बार हमें सकारात्मक परिणाम मिलेंगे.
शिंदे से पूछा गया कि उन्हें इस बार किस टीम से सबसे ज्यादा चुनौती मिलने की संभावना है, उन्होंने कहा, सभी टीमें अच्छी हैं. आप किसी को मजबूत या कमजोर नहीं आंक सकते हैं. बेंगलूर, जयपुर (मौजूदा चैंपियन) और मुंबई कागजों में मजबूत हैं लेकिन मैदान पर परिणाम भिन्न हो सकते हैं.