कोलकाता : पांच सालों के सूखे के बाद आई लीग के रूप में पहला खिताब जीतने वाली मोहन बगान के कोच संजय सेन के प्रयासों का फुटबॉल जगत ने स्वागत किया है. आई लीग में शीर्ष स्तरीय क्लब कोच के लिए जरूरी एएफसी लाइसेंस नहीं होने के कारण सुभाष भौमिक के पद छोड़ने के बाद सेन को कोच की जिम्मेदारी दी गयी थी.
भारतीयकोचों की सफलता को कम करके आंकना आजकल एक तरह का फैशन बन चुका है. मैं आशा करता हूं कि निकट भविष्य में कुछ और आई लीग टीमें भारतीय कोचों को नियुक्त करेंगी. पी के बनर्जी की बात का समर्थन करते हुए पूर्व भारतीय खिलाडी सुब्रत भट्टाचार्य ने क्लब से कहा कि उसे सेन की उपलब्धि से प्रेरणा लेते हुए बोर्ड में भारतीय को लाने को प्राथमिकता बनाना चाहिए.