जालंधर : दुनिया भर में सबसे अधिक उम्र में मैराथन दौड लगाने वाले भारतीय मूल के धावक फौजा सिंह ने कहा है कि दिली खुशी और पंजाब की मशहूर पिन्नी के कारण ही वह अब तक तंदुरुस्त और फिट हैं तथा 104 साल की उम्र में भी वह लम्बी दौड लगा पाते हैं.
जालंधर जिले के व्यास गांव के निवासी इंग्लैंड में रहने वाले फौजा सिंह ने बातचीत में कहा, मैं तंदुरुस्त और पूरी तरह फिट हूं इसका कारण है – दिली खुशी. मैं हमेशा हरहाल में खुश रहता हूं और रोज पंजाबी पिन्नी खाता हूं. उन्होंने बताया, पिन्नी खाने के बाद एक गिलास गुनगुना पानी. रात में सोने से पहले एक गिलास दूध और हर मौसम में खाने में दही मैं जरुर लेता हूं. हमेशा खुश रहता हूं. यही तंदुरुस्ती का सबसे बड़ा राज है.
हांगकांग में हाफ मैराथन के बाद 2012 में दौड से सन्यास लेने वाले फौजा ने कहा, स्वास्थ्य के चलते मैने दौडना बंद कर दिया. ऐसे भी 100 साल की उम्र हो जाने के बाद वहां मैराथन में मौका नहीं मिलता है. कई बार दौडने के दौरान गिरने का डर रहता है इसलिए भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर दौडना बंद कर दिया. फौजा को इस बात का बेहद अफसोस भी है कि जब भी किसी दौड में हिस्सा लेते थे तो उन्हें भारतीय धावक नहीं कहा जाता था, क्योंकि ब्रिटेन के नागरिक हैं और हमेशा ब्रिटेन के लिए ही दौडते थे.
आप उम्र के आठवें दशक में कैसे दौड की ओर आकर्षित हो गए, विभिन्न पदक जीतने वाले फौजा ने कहा, तकरीबन 22 साल पहले मेरे बडे बेटे की सडक दुर्घटना में मौत हो गयी थी. बेटे की जुदाई से मैं इतना गमजदा था कि तकरीबन निष्प्राण हो चुका था. इस बीच मेरी बेटी मुझे अपने साथ लंदन ले गयी. वहीं मेरा छोटा बेटा भी रहता है.
अप्रैल में 104 साल के होने वाले इस धावक ने बताया, लंदन में रहने वाले बठिंडा निवासी अमरीक सिंह ढिल्लन ने मुझे चैरिटी के लिए पहली बार दौडने के लिए प्रेरित किया. फिर एक बार दौड लगायी तो आज तक दौड रहा हूं. बच्चों के बारे में पूछने पर वह भावुक होते हुए कहते हैं, मेरे जिंदा रहते मेरी बेटी और मेरा बेटा मर गया. इस बारे में मुझसे कोई बात नही करो……
पंजाबी कुर्ता पायजामा में गांव के अपने घर में बैठे फौजा ने कहा, मैं ब्रिटेन में रहता हूं और मुझे इस बात से दर्द होता है कि पंजाब के युवक नशा करते हैं और इससे पूरी दूनिया में पंजाबियों का नाम खराब हो रहा है. यह पूछने पर कि आप बुजुर्ग हैं और अपना अंतिम समय कहां व्यतीत करना चाहेंगे, फौजा ने चिढ कर कहा, मैं कभी यह स्वीकार नहीं कर सकता हूं कि मैं बुजुर्ग हूं. आपसे अधिक तेज और पैदल चल सकता हूं. रही बात अंतिम समय बिताने के लिए तो उसके लिए ब्रिटेन सबसे उपयुक्त जगह है.