राही सरनोबत और अपूर्वी चंदेला ने जीते स्वर्ण पदक, अयोनिका को मिला रजत
ग्लासगो : भारतीय निशानेबाजों ने शनिवार को यहां 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में शूटिंग रेंज में दबदबे भरा प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण और तीन रजत पदक अपने नाम किये. राही सरनोबत और अपूर्वी चंदेला ने ये पीले तमगे हासिल किये.
शुक्रवार को भारत ने निशानेबाजी में एक स्वर्ण और एक रजत जीता था. भारतीयों ने शनिवार को दो स्वर्ण और तीन रजत जीत कर निशानेबाजी स्पर्धा में अभी तक कुल तीन स्वर्ण और चार रजत से सात पदक अपनी झोली में डाल लिये हैं.
भारत केवल पुरुष और महिला स्कीट और नयी शुरू की गयी क्वींस प्राइज पेयर्स स्पर्धा में ही पदक नहीं जीत सका, वरना उसने अभी तक हुई पांच स्पर्धाओं में कम-से-कम एक पदक जरूर जीता है.
महिला 25 मी पिस्टल स्पर्धा में सरनोबत ने स्वर्ण पदक के मैच में अनीसा सैयद को 8-2 से हरा कर पहला स्थान हासिल किया. ऑस्ट्रेलिया की ललिता यौहेलुस्काया ने कांस्य पदक जीता. इससे पहले 23 वर्षीय सरनोबत और 33 वर्षीय सैयद सेमीफाइनल में क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर रहीं थीं, जिससे यह फाइनल भारतीय निशानेबाजों के बीच ही रहा.
इससे पूर्व राजस्थान की युवा निशानेबाज अपूर्वी चंदेला ने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भारत को स्वर्ण दिलाया. हमवतन अयोनिका पॉल ने इसी स्पर्धा में दूसरा स्थान हासिल किया. वहीं, प्रकाश नानजप्पा ने अपनी स्पर्धा में रजत पदक जीता. 21 वर्षीय अपूर्वी ने फाइनल में 206.7 के स्कोर से स्वर्ण पदक अपने नाम किया, जबकि आयोनिका 204.9 के स्कोर से दूसरे स्थान पर रहीं.
इससे पहले नानजप्पा को 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में बीच में एक खराब शॉट के कारण दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा. अपूर्वी ने अभिनव बिंद्रा को बीजिंग ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतते देखने के बाद ही निशानेबाजी शुरू की थी.
उनके पिता ने घर में शूटिंग रेंज बनवायी हुई है और वह अपने चाचा हेम सिंह के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग करती हैं. अपूर्वी क्वालिफाइंग राउंड में 415.6 अंक जुटाकर शीर्ष पर रहीं जबकि अयोनिका ने चौथे स्थान से क्वालिफाइ किया. अपूर्वी ने क्वालिफाइंग और फाइनल दोनों में गेम्स रिकॉर्ड बनाया.
मुख्य राउंड में अपूर्वी ने 10.2 से 10.7 तक स्कोर जुटाये और उन्होंने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी से कम से कम 1.5 अंक की बढत बनाये रखी. अयोनिका पहले 10 शॉट तक पदक की होड़ में नहीं थी लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए 10.5 से 10.7 का निशाना लगाकर अपने स्थान में सुधार किया.
इससे पहले पिछले साल दक्षिण कोरिया में आइएसएसएफ वर्ल्ड कप में कांस्य पदक जीतने वाले नानजप्पा ने भारत को शनिवार का पहला पदक दिलाया. वह एलिमिनेशन चरण की दूसरी सीरीज के आखिर तक बढ़त पर थे लेकिन यहां पर वह एकाग्रता खो बैठे और 7.7 के निराशाजनक स्कोर के कारण उन्होंने स्वर्ण पदक विजेता आस्ट्रेलियाई डेनियल रेपाचोली को आगे बढने का मौका मिल गया.
लकवा को हरा शूटर बने प्रकाश
ग्लासगो : भारतीय निशानेबाज प्रकाश नानजप्पा पुरु ष वर्ग के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में रजत पदक जीत लिया. उनकी जीत इस मायने में खास है कि वह आंशिक लकवा से ग्रसित रहे हैं, जिसका असर अब तक है.
उनकी आंखों का पानी बहुत जल्दी सूख जाता है, जिस वजह से उन्हें बार-बार आई-ड्रॉप्स डालनी पड़ती है. इस वजह से 2003 से 2009 तक शूटिंग नहीं कर पाए थे. पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रकाश बेंगलुरु के हैं. वह 2009 में नौकरी करने कनाडा चले गए थे. पिता के आग्रह पर वह भारत लौटे.
ब्रेवहार्ट फिल्म से वलास को मिली जीत की प्रेरणा
ग्लास्गो : पुरुषों की 400 मीटर व्यक्तिगत मेडले में स्वर्ण पदक जीतने वाले तैराक डेन वलास ने कहा है कि उसे फिल्म ‘ब्रेवहार्ट’ ने जीत की प्रेरणा दी. वलास ने चार मिनट 11.28 सेकंड का समय निकालकर ऑस्ट्रेलिया के थॉमस फ्रेजर होम्स और दक्षिण अफ्रीका के सेबेस्टियन राउसियू को हराया.
वलास ने कहा, ‘मैंने पिछले सप्ताह ब्रेवहार्ट देखी थी. यह स्कॉटलैंड की बात है और मुझे यह फिल्म प्रेरित करती है.’ जीत के बाद उन्होंने ‘फ्रीडम’ कहा जिस तरह उनके हमनाम विलियम वालास ने फिल्म में कहा था.’
भारत ने मेजबान स्कॉटलैंड को 6-2 से हराया
ग्लास्गो : वीआर रघुनाथ और रुपिंदर सिंह के दो-दो गोल की बदौलत भारत की पुरुष हॉकी टीम ने राष्ट्रमंडल खेलों में शनिवार को यहां मेजबान स्कॉटलैंड को 6-2 से हरा कर पूल ए में अपना विजय अभियान जारी रखा.
भारत की तरफ से गुरबाज सिंह और गुरविंदर चांडी ने मैदानी गोल दागे. रघुनाथ और रुपिंदर सिंह ने पेनाल्टी कॉर्नर में अपनी विशेषज्ञता का अच्छा नमूना पेश करके दो-दो गोल किये. स्कॉटलैंड की तरफ से एकमात्र गोल केनी बेन ने दूसरे हाफ में किया. स्कॉटलैंड ने शुरू में अच्छा खेल दिखाया, लेकिन भारतीय टीम जल्द ही हावी हो गयी और फिर उसने पीछे मुड़ कर नहीं देखा.
शुरू में हमला और जवाबी हमला देखने को मिला, लेकिन गुरबाज ने मैदानी गोल करके भारत को 1-0 से आगे कर दिया. भारत अपने पहले पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल करने में नाकाम रहा, लेकिन रघुनाथ ने दूसरे पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल किया.ड्रैग फ्लिक से गोल दागकर मध्यांतर तक टीम को 2-0 से आगे रखा.
दूसरे हाफ के शुरु में ही 37वें मिनट में भारत को पेनल्टी कार्नर मिला जिसे रुपिंदर ने गोल में बदला. इसके तीन मिनट बाद चांडी ने डिफलेक्शन से गोल करके स्कोर 4-0 कर दिया. स्काटलैंड को इसके बाद पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन आर श्रीजेश ने शानदार बचाव करके भारत पर आया संकट टाल दिया.
रघुनाथ और रुपिंदर ने इसके बाद पेनल्टी कार्नर को खराब नहीं जाने दिया और दनादन दो गोल करके भारत को 6-0 की मजबूत बढत दिला दी. केनी बेन ने मैदानी गोल करके स्थानीय दर्शकों को कुछ राहत पहुंचायी.
भारतीय महिला टीटी टीम सेमीफाइनल में
ग्लास्गो : भारत की महिला टेबल टेनिस टीम ने शनिवार को यहां न्यूजीलैंड को हरा कर कॉमनवेल्थ गेम्स के सेमीफाइनल में जगह बनायी. न्यूजीलैंड की टीम में सभी खिलाडी चीनी मूल की हैं.
शामिनी कुमारसेन का न्यूजीलैंड पर 3-0 की जीत में अहम योगदान रहा. भारतीय टीम सेमीफाइनल में सिंगापुर से भिड़ेगी जिससे उसे दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में हार झे लनी पडी थी. शामिनी को पहले एकल में 52 वर्षीय चुन ली के खिलाफ उतारने का फैसला सही साबित हुआ. भारतीय खिलाडी ने 2002 की एकल चैंपियन को 5-11, 11-9, 11-5, 11-5 से हराया.
दिल्ली की मनिका बत्र ने चुन ली की बहन कारेन को 11-13, 11-9, 11-5, 11-5 से हराकर भारत की बढत 2-0 की. युगल में शामिनी और मधुरिका पाटकर ने कारेन और यांग सुन को 11-8, 11-8, 11-8 से हराया.
विजेंदर, मनोज की जीत से शुरुआत
ग्लास्गो : भारत के स्टार मुक्केबाज विजेंदर सिंह और मनोज कुमार ने शनिवार को राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार शुरुआत करते हुए अपनी-अपनी बाउट में 3-0 के समान स्कोर से जीत दर्ज की.
विजेंदर ने 75 किग्रा की शुरुआती बाउट में एंड्रयू कोमेटा पर जीत से, जबकि मनोज कुमार ने 64 किग्रा वर्ग में लेसोथो के मोखाचाने मोशोशू पर एक समान अंतर से जीत दर्ज कर प्री क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया. विजेंदर ने रणनीति के साथ खेलते हुए बिना किसी जोखिम के अगले राउंड में प्रवेश किया. यह 28 वर्षीय मुक्केबाज शुरू में थोड़ा सतर्क था, लेकिन अंत में तीसरे राउंड में उन्होंने किरीबाती के मुक्केबाज पर मुक्कों की झड़ी लगा द दूसरे और तीसरे राउंड में विजेंदर को तीनों जज ने 10-8 अंक दिये.
इस मुक्केबाज ने बाउट के बाद कहा, ‘‘पहली बाउट हमेशा ही कठिन होती है और मंै खुश हूं कि मैं जीत गया. मैं अच्छे की उम्मीद लगाये हूं और कदम दर कदम आगे बढूंगा. मैं कम से कम फाइनल में पहुंचने की उम्मीद कर रहा हूं. विजंेदर ने कहा, ‘‘हेडगियर के बिना यह खतरनाक होता है और चोट लग सकती है. इससे पहली बाउट में मनोज कुमार के सिर पर प्रहार हुआ, इसलिये हमें सतर्क होना होगा. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कुछ तालमेल बिठाना पडा और यह सब आपके प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज पर निर्भर करता है. मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं और अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश करुंगा. ’विजेंदर ने कहा, ‘‘मैं स्वर्ण जीतने के लिये अपनी पूरी कोशिश करुंगा. मेरे पास कांस्य और रजत पदक हैं इसलिये मैं इस बार फाइनल में पहुंचकर जीतने की कोशिश करुंगा. ’’
मनोज शुरुआती राउंड में थोडे सतर्क थे लेकिन इसके बाद उन्होंने अगले दो राउंड में पूरी तरह दबदबा बनाया. लेकिन सभी तीन जजों ने मनोज के पक्ष में 10-9 का फैसला दिया, हालांकि यह बहुत करीबी था.
मुक्केबाजी के नये नियमों के अनुसार तीन जज अपना फैसला देते हैं कि बाउट में कौन जीता, इसके अलावा वे राउंड में अंक भी देते हैं जैसे 10 . 9 (करीबी), 10- 8 :राउंड में स्पष्ट विजेता:, 10-7 :आउटक्लास: या 10-6यह नहीं होनी चाहिए:.
भारत के विदेशी कोच बी फर्नांडीज जज के करीबी फैसले पर हैरानी व्यक्त की. कल मंदीप जांगडा ने 69 किग्रा के प्री क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कियाथा.