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गुजरात ने दिल्ली को रौंदकर पहली बार जीता विजय हजारे ट्रॉफी

बेंगलुरु : कप्तान पार्थिव पटेल के कैरियर के पहले शतक तथा तेज गेंदबाज आर पी सिंह और जसप्रीत बमराह की कातिलाना गेंदबाजी से गुजरात ने आज यहां एकतरफा फाइनल में दिल्ली को 139 रन से करारी शिकस्त देकर विजय हजारे ट्रॉफी एकदिवसीय क्रिकेट चैंपियनशिप जीती. पार्थिव ने 105 रन बनाये जो सीमित ओवरों की क्रिकेट […]

बेंगलुरु : कप्तान पार्थिव पटेल के कैरियर के पहले शतक तथा तेज गेंदबाज आर पी सिंह और जसप्रीत बमराह की कातिलाना गेंदबाजी से गुजरात ने आज यहां एकतरफा फाइनल में दिल्ली को 139 रन से करारी शिकस्त देकर विजय हजारे ट्रॉफी एकदिवसीय क्रिकेट चैंपियनशिप जीती.

पार्थिव ने 105 रन बनाये जो सीमित ओवरों की क्रिकेट में लगभग 14 साल पहले पदार्पण करने के बाद उनका पहला शतक है. उन्होंने रुजुल भट (60) के साथ तीसरे विकेट के लिये 149 रन की साझेदारी करके टीम को शुरुआती झटकों से उबारा. बाद के बल्लेबाजों में केवल चिराग गांधी (नाबाद 44) और रस कलारिया (21) ही दोहरे अंक में पहुंचे.

गुजरात ने पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर निर्धारित 50 ओवरों में 273 रन बनाये. इसके जवाब में दिल्ली की टीम 32.3 ओवर में 134 रन पर ढेर हो गयी. बमराह ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 28 रन देकर पांच विकेट लिये. उत्तर प्रदेश की बजाय इस सत्र में गुजरात की तरफ से खेल रहे आर पी सिंह ने दिल्ली के शीर्ष क्रम को तहस नहस किया. उन्होंने 42 रन देकर चार विकेट लिये.

दिल्ली के तीन बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे. उसके आठवें नंबर के बल्लेबाज पवन नेगी ने 47 गेंदों पर 57 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली जबकि उन्मुक्त चंद ने 33 रन बनाये. गुजरात पहली बार विजय हजारे चैंपियन बना है. आरपी सिंह ने पारी की पहली गेंद पर ही रिषभ पंत को बोल्ड किया. शिखर धवन (पांच) की खराब फार्म बरकरार रही.

आरपी की आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर उन्होंने कवर में कैच थमाया. बायें हाथ के इस तेज गेंदबाज ने इसके बाद कप्तान गौतम गंभीर (नौ) को पहली स्लिप में कैच देने के मजबूर किया और फिर मिलिंद कुमार को पगबाधा आउट किया जो खाता भी नहीं खोल पाये.

दिल्ली के चार विकेट 31 रन पर निकल गये. उसकी उम्मीद उन्मुक्त पर टिकी थी जिन्होंने सेमीफाइनल में नाबाद 80 रन की पारी खेली थी. दो साल पहले दिल्ली की खिताबी जीत में शतक जड़ने वाला यह युवा बल्लेबाज भी बमराह की गेंद अपने विकेटों पर खेल गया जिससे गुजरात की जीत सुनिश्चित हो गयी. बमराह ने इसके बाद निचले क्रम के बल्लेबाजों को भी नहीं टिकने दिया.

नेगी ने इस बीच कुछ अवसरों पर गेंद सीमा रेखा पार भेजी. उन्होंने बमराह की गेंद पर आखिरी विकेट के रुप में आउट होने से पहले अक्षर पटेल पर छक्का जड़कर अपने करियर का पहला अर्धशतक पूरा किया. उन्होंने नौ चौके और एक छक्का लगाया. उनकी इस पारी से हालांकि हार का अंतर ही कम हो पाया. इससे पहले गुजरात की पारी पार्थिव के ईद गिर्द घूमती रही.

पार्थिव और रुजुल की साझेदारी टूटने के बाद गुजरात ने हालांकि तेजी से विकेट गंवाये और इससे वह 300 रन तक पहुंचने में नाकाम रहा और आखिर में उसकी पूरी टीम आउट हो गयी. दिल्ली की तरफ से नेगी, सुबोध भाटी और नवदीप सैनी ने दो-दो विकेट लिये. इशांत शर्मा ने नौ ओवर में 39 रन देकर एक विकेट हासिल किया. उनके अलावा नितीश राणा और मनन शर्मा को भी एक-एक विकेट मिला. टास गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी के लिये उतरे गुजरात की शुरुआत अच्छी नहीं रही.

प्रियांक पांचाल (14) आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे. सैनी की गेंद पर असमंजस की स्थिति में रहने के बाद वह बोल्ड हो गये. इशांत ने नये बल्लेबाज भार्गव मेराई (पांच) को बोल्ड करके दसवें ओवर में गुजरात का स्कोर दो विकेट पर 44 रन कर दिया.

पार्थिव ने दूसरे छोर से शुरु से ही सकारात्मक बल्लेबाजी की. उन्होंने सैनी पर दो चौके जड़कर शुरुआत की और दो विकेट जल्दी गिरने के बाद भी स्कोर बोर्ड चलायमान रखकर टीम पर दबाव नहीं बनने दिया. रुजुल ने भी अपने कप्तान से प्रेरणा ली और इन दोनों ने रक्षण और आक्रमण का मिला जुला खेल दिखाकर पारी आगे बढ़ायी.

रुजुल ने भाटी पर मिडविकेट क्षेत्र में पारी का पहला छक्का भी लगाया. भाग्य ने भी पार्थिव का साथ दिया. जब वह 67 रन पर थे तब मनन शर्मा ने अपनी गेंद पर उनका कैच छोड़ा. इसके बाद इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कोई गलती नहीं की और मिलिंद कुमार की गेंद पर दो रन लेकर 111 गेंदों पर अपना पहला लिस्ट ए शतक पूरा किया. रुजुल और पार्थिव के लगातार ओवरों में आउट होने से गुजरात को नुकसान पहुंचा और इससे उसकी रन गति धीमी पड़ी.

रुजुल ने राणा की गेंद पर विकेट के पीछे कैच थमाया जबकि पार्थिव की पारी का अंत बायें हाथ के स्पिनर नेगी ने किया. उनकी गेंद बल्ले और पैड से लगकर विकेटों में समायी. पार्थिव ने अपनी पारी में 119 गेंदें खेली तथा दस चौके लगाये जबकि रुजुल की 74 गेंद की पारी में चार चौके और एक छक्का शामिल है. यह साझेदारी टूटने के बाद विकेटों का पतझड़ शुरु हो गया.

अक्षर पटेल पर गुजरात का दारोमदार था लेकिन इस ऑलराउंडर को सैनी ने बोल्ड कर दिया. मनप्रीत जुनेजा भी छह रन बनाकर पवेलियन लौटे. गांधी और कलारिया ने सातवें विकेट के लिये 42 रन जोड़े. गुजरात ने अपने आखिरी चार विकेट नौ गेंद और सात रन के अंदर गंवाये.

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