नयी दिल्ली : पूर्व बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने आज अपने बचाव में कहा कि पिछले पदाधिकारियों के कार्यकाल के दौरान जिस ब्रिटिश स्थित कंपनी ‘पेज प्रोटेक्शन सर्विसेस’ की सेवाएं ली गयी थी उसने उनके सचिव रहते हुए किसी बोर्ड अधिकारी की जासूसी नहीं की. बीसीसीआई ने पटेल को पत्र लिखकर कंपनी को कथित तौर पर बोर्ड के कुछ प्रमुख अधिकारियों के चौबीसों घंटे जासूसी करने के लिये किये गये नौ लाख डालर के भुगतान पर स्पष्टीकरण मांगा था. यह तब हुआ जब बीसीसीआई में एन श्रीनिवासन की तूती बोलती थी.
पटेल ने कहा, ‘‘मैंने (पिछले मार्च) में जिस दिन पद छोडा था उसी दिन बीसीसीआई का अपना ईमेल अकाउंट बंद कर दिया था. मैंने बीसीसीआई से करार की प्रति मांगी है क्योंकि मेरे पास कोई दस्तावेज नहीं हैं. एक बार जब वे मुझे यह दे देंगे तो मैं अपना जवाब उन्हें भेज दूंगा. लेकिन मैं स्पष्ट करता हूं कि किसी व्यक्ति की जासूसी करने के लिये कंपनी को निर्देश नहीं दिये गये थे. ”
पटेल से पूछा गया कि बीसीसीआई ने आखिर इस तरह की कंपनी की सेवाएं क्यों ली, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि वहां किसी कार्य का आदेश दिया गया था. एक समय था जब बीसीसीआई का ईमेल हैक कर दिया गया. ट्विटर के जरिये महत्वपूर्ण दस्तावेजों को लीक होने से बचाने के लिये हमने इस कंपनी के साथ करार किया था. ” उन्होंने कहा, ‘‘गहन जांच पडताल के बाद ही सब कुछ किया गया.
मैंने सुरक्षा के लिये ऐसा किया. हमने कभी उनसे किसी व्यक्ति की जासूसी के लिये नहीं कहा. ” पटेल ने कहा कि कंपनी (पेज प्रोटेक्शन) ने 50 पेज की रिपोर्ट बीसीसीआई को दी थी जिसमें बताया गया है कि बोर्ड को सुरक्षा के लिये क्या उपाय अपनाने की जरुरत है. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए जासूसी का कोई भी आरोप सही नहीं है. ”