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IPL स्पॉट फिक्सिंग : श्रीसंत सहित 36 आरोपी बरी, बीसीसीआई नहीं हटाएगा बैन

नयी दिल्ली :नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आईपीएल-6 स्पॉट फिक्सिंग मामले में आज भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सदस्य एस श्रीसंत सहित सभी 36 आरोपियों को रिहा कर दिया. लेकिन बीसीसीआई ने कहा है कि इन खिलाडियों पर से प्रतिबंध जारी रहेगा. बीसीसीआई ने कहा कि वह कोर्ट के आदेश को मानने के […]

नयी दिल्ली :नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आईपीएल-6 स्पॉट फिक्सिंग मामले में आज भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सदस्य एस श्रीसंत सहित सभी 36 आरोपियों को रिहा कर दिया. लेकिन बीसीसीआई ने कहा है कि इन खिलाडियों पर से प्रतिबंध जारी रहेगा. बीसीसीआई ने कहा कि वह कोर्ट के आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं है.

आज शाम आईपीएल के दो अन्य प्रमुख खिलाडियों अजित चंदीला और अंकित चव्हाण, जो जमानत पर थे, को भी इस मामले में बरी कर दिया गया, जिसमें अपराध सरगना दाउद इब्राहिम और उसके साथी छोटा शकील सहित छह लोगों को भगोडा करार दिया गया था.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा ने फैसला सुनाते हुए कहा, सबको (मामले से) बरी किया जाता है. 36 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के संबंध में फैसले के लिए मामले को आज रखा गया था. फैसला सुनने के बाद 32 वर्षीय श्रीसंत की आंखें छलक आईं. अदालत कक्ष में मौजूद खिलाडियों ने एक दूसरे को गले लगाकर बधाई दी.

पीटीआई भाषा से बात करते हुए श्रीसंत ने कहा कि आखिरकार उन्हें इंसाफ मिला. उन्होंने कहा, ईश्वर ने चाहा तो मैं क्रिकेट में वापसी करुंगा. मुझे कोई शिकायत, कोई मलाल नहीं है.

अदालत ने 23 मई को मामले में आरोप तय करने के बारे में अपने आदेश को आज के लिए सुरक्षित रख लिया था. दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने मामले में अपने आरोपपत्र में 42 लोगों को आरोपियों की तरह नामजद किया था, जिनमें से छह फरार हैं.

पुलिस ने अदालत को बताया था कि मुंबई में दाउद एवं शकील की संपत्ति को 1993 के मुंबई श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के सिलसिले में पहले ही जब्त कर लिया गया है और 1993 के बाद से वे भारत नहीं आए.

पुलिस ने अदालत को सूचित किया था कि दाउद की मुंबई के डोंगरी में सपंत्ति है जबकि शकील की नागपदा में संपत्ति है. अदालत ने पूर्व में दाउद एवं शकील तथा पाकिस्तान में रहने वाले जावेद चटनी, सलमान उर्फ मास्टर तथा एहतेशाम के नाम गैर जमानती वारंट जारी किए थे. इन सभी को दाउद का सहयोगी माना जाता है.

पुलिस ने मामले में विभिन्न आरोपियों के विरुद्ध 6000 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया है. उसने बाद में अनुपूरक आरोपपत्र भी दाखिल किया. अदालत ने श्रीसंत, चव्हाण एवं अन्य आरोपियों को कठोर प्रावधानों वाले महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत उनके खिलाफ सबूतों के अभाव के चलते जमानत दे दी थी.

अदालत ने बाद में चंडीला सहित अन्य आरोपियों को भी जमानत दे दी थी. पुलिस ने अपने आरोपपत्र में दावा किया था कि दाउद एवं शकील आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के पीछे हैं और वे भारत में क्रिकेट में फिक्सिंग एवं सट्टेबाजी का बाजार नियंत्रित करते हैं.

कोर्ट के निर्णय के बाद खुशी जताते हुए श्रीसंत ने कहा कि वे बहुत खुश हैं. उन्होंने काफी खराब समय देखा, जिसमें उन्हें पत्नी और परिवार का साथ भी मिला. उन्होंने कहा कि वे भावुक हैं, इसलिए ज्यादा बात नहीं कर पायेंगे. श्रीसंत ने कहा कि वे मैदान पर वापसी करना चाहते हैं और उन्हें उम्मीद है कि बीसीसीआई उन्हें इस बात की अनुमति भी देगा.

वहीं अजीत चंदीला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे बहुत खुश हैं. उनपर लगा बड़ा कलंक आज मिट गया. उन्हें पूरा विश्वास था कि एक दिन सच सामने आयेगा और वह आ गया. चंदीला ने कहा कि उन्होंने काफी बुरा वक्त देखा, लेकिन उन्हें अपनी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और उनका भरोसा सच्चा साबित हुआ.

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