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भारत को विश्व कप 2019 की तैयारी तुरंत शुरु कर देनी चाहिए : बोर्डे

मुंबई : पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और पूर्व मुख्य चयनकर्ता चंदू बोर्डे का मानना है कि भारत को 2019 विश्व कप की तैयारी की तुरंत उसी तरह शुरु कर देनी चाहिए जैसे कि हाल में संपन्न विश्व कप के विजेता ऑस्ट्रेलिया ने पिछले विश्व कप के बाद की थी. बोर्डे ने कहा, इसमें अभी चार साल […]

मुंबई : पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और पूर्व मुख्य चयनकर्ता चंदू बोर्डे का मानना है कि भारत को 2019 विश्व कप की तैयारी की तुरंत उसी तरह शुरु कर देनी चाहिए जैसे कि हाल में संपन्न विश्व कप के विजेता ऑस्ट्रेलिया ने पिछले विश्व कप के बाद की थी.

बोर्डे ने कहा, इसमें अभी चार साल का समय है. लेकिन आपने देखा कि ऑस्ट्रेलिया ने खुद को कैसे तैयार किया. (कप्तान माइकल) क्लार्क पहले कुछ मैचों में खेलने के लिए फिट नहीं थे और उन्होंने कप्तानी (जार्ज) बैली को दी और (स्टीव) स्मिथ को नहीं जिन्होंने इससे पहले टेस्ट श्रृंखला में अपनी कप्तानी में भारत के खिलाफ उन्‍हें जीत दिलाई थी.

उन्होंने कहा, यह दर्शाता है कि वह कितनी अच्छी तैयारी करते हैं. उन्होंने पहले ही फैसला कर लिया था कि अगर ऐसी स्थिति आती है तो कौन कप्तानी करेगा. उन्होंने यह कितनी अच्छी तरह किया. हमें भी इसी तरह खुद को तैयार करना चाहिए. भारत की ओर से 1958 से 1969 के बीच 55 टेस्ट खेलने वाले 80 वर्षीय बोर्डे ने कहा कि क्लार्क के फिट होने के बाद से बैली को टीम में खेलने का मौका नहीं मिला जो ऑस्ट्रेलियाई टीम की बैंच स्‍ट्रैंथ की मजबूती को दर्शाता है.
उन्होंने कहा, कुछ मैच खेलने और जीतने के बाद बैली को अंतिम एकादश से बाहर कर दिया गया क्योंकि क्लार्क वापस आ गए थे. उनकी सोच देखिए और उन्होंने खुद को किस तरह टूर्नामेंट के लिए तैयार किया है. यह दर्शाता है कि उनकी बैंच स्‍ट्रैंथ काफी मजबूत है. बोर्डे ने कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के इस बयान पर भी हैरानी जताई कि देश के शीर्ष तेज गेंदबाजों को घरेलू क्रिकेट में खेलने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए.
बोर्डे ने कहा, धौनी ने जो कहा उससे मैं हैरान हूं. मैच में वे कितने ओवर फेंकते हैं- 10 ओवर. बीच में समय भी मिलता है, चार ओवर या कुछ ओवर बाद. अतीत में रामाकांत देसाई जैसे खिलाडियों ने कितना घरेलू क्रिकेट खेला है. इन गेंदबाजों को अधिक घरेलू क्रिकेट खेलने दीजिए. इसमें परेशानी क्या है. जब यह कहा गया कि धोनी प्रथम श्रेणी घरेलू मैचों की बात कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, आखिर यही मापदंड है और इन्हीं प्रदर्शनों के आधार पर आपका चयन किया जाता है. क्या ऐसा नहीं है.
बोर्डे ने कहा, अगर कंपनी उन्हें क्रिकेट में उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए पैसा देती हैं और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो इसका क्या मतलब है. उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलने दीजिए. मैं इस तर्क से सहमत नहीं हूं. उन्होंने कहा, अतीत में हमें कभी इतना क्रिकेट खेलने को नहीं मिला और अब उन्हें खेलने का मौका मिल रहा है तो वे खेलना नहीं चाहते.

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