मेलबर्न : गेंदबाजी संयोजन लंबे समय से भारत के लिए चिंता का सबब रहा है लेकिन विश्व कप में भारत किसी तरह सही संतुलन हासिल कर लेता है और मौजूदा टूर्नामेंट में हरियाण के तेज गेंदबाज मोहित शर्मा ने कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की रणनीति के अनुसार गेंदबाजी करके प्रभाव छोडा है. वर्षों से तीसरा […]
मेलबर्न : गेंदबाजी संयोजन लंबे समय से भारत के लिए चिंता का सबब रहा है लेकिन विश्व कप में भारत किसी तरह सही संतुलन हासिल कर लेता है और मौजूदा टूर्नामेंट में हरियाण के तेज गेंदबाज मोहित शर्मा ने कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की रणनीति के अनुसार गेंदबाजी करके प्रभाव छोडा है. वर्षों से तीसरा तेज गेंदबाज भारतीय गेंदबाजी का अहम हिस्सा रहा है. कम से कम तीन विश्व कप में तीसरे तेज गेंदबाज की भूमिका अहम रही है.
इंग्लैंड में 1983 के विश्व कप में कपिल देव और बलविंदर संधू के बाद रोजर बिन्नी और मदन लाल ने तेज गेंदबाज की भूमिका निभाई थी जबकि 2003 में दक्षिण अफ्रीका में आशीष नेहरा ने जवागल श्रीनाथ और जहीर खान का अच्छा साथ निभाया. वर्ष 2011 के टूर्नामेंट में तीसरे तेज गेंदबाज के रुप में मुनाफ पटेल की भूमिका भी प्रभावी रही.
मोहित को इशांत शर्मा के मांसपेशियों में चोट के कारण हटने के बाद टीम इंडिया में जगह मिली. इससे पहले वह स्टैंडबाई थे और त्रिकोणीय श्रृंखला के दौरान पर्थ में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने अपनी लाइन और लेंथ से प्रभावित किया था और इशांत की चोट ने उनके लिए विश्व कप के दरवाजे खोल दिए. मोहित ने विश्व कप के पहले मैच में रविवार को एडिलेड ओवल में पाकिस्तान के खिलाफ तीसरे गेंदबाज के रुप में गेंदबाजी करते हुए 35 रन देकर दो विकेट चटकाए.
धौनी ने पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले के बाद कहा था, अब तक मोहित ने काफी अच्छी लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी की है जो मुझे लगता है कि उसके लिए अहम है. उसके पास गति में विविधता लाने की क्षमता है. वह उछाल का काफी अच्छा इस्तेमाल करता है. अब तक उसने खुद को साबित किया है. भारतीय कप्तान मोहित के मजबूत पक्षों से अच्छी तरह वाकिफ हैं.
उन्होंने कहा, वह (मोहित) ऐसा गेंदबाज नहीं है जिसे काफी उछाल मिलता हो लेकिन वह अच्छी लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी करता है. मुझे लगता है कि अगर वह नयी गेंद से अच्छी गेंदबाजी करता है, अगर हमें नयी गेंद से अधिक विकेट मिलते हैं तो हम दबाव डाल सकते हैं. धौनी के मुताबिक मोहित अब तक उम्मीदों पर खरे उतरे हैं लेकिन भारतीय कप्तान विभिन्न संयोजनों को लेकर जितना अधिक संभव हो लचीलापन अपनाना चाहते हैं.