नयी दिल्ली : बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के भविष्य का फैसला करने के लिये उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से आहत पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने कहा कि अब समय आ गया है जबकि क्रिकेट बोर्ड को आरटीआई के दायरे में लाना चाहिए. श्रीनिवासन को करारा झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने […]
नयी दिल्ली : बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के भविष्य का फैसला करने के लिये उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से आहत पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने कहा कि अब समय आ गया है जबकि क्रिकेट बोर्ड को आरटीआई के दायरे में लाना चाहिए.
श्रीनिवासन को करारा झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने उन्हें हितों के टकराव के आधार पर चुनाव लडने से रोक दिया लेकिन बेदी का मानना है कि यह फैसले पर खुशी जताने का समय नहीं है बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के लिये दुखद दिन है.
उन्होंने कहा, यह खुशी मनाने का समय नहीं है. फैसले में ऐसा कुछ नहीं है जिससे खुश हुआ जाये. इसके बजाय मैं पूरे घटनाक्रम से दुखी हूं. किसी के लिये नहीं बल्कि उस खेल के लिये जिसे मैं दिल से चाहता हूं और जिसके लिये मैं जीता रहा हूं. यह भारतीय क्रिकेट के लिये त्रासदी है कि क्रिकेट विवाद सुलझाने के लिये उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करना पडा. और आप किसी त्रासदी पर खुश नहीं हो सकते हो.
बेदी ने कहा, मेरा मानना है कि यह बीसीसीआई को आरटीआई (सूचना के अधिकार अधिनियम) के दायरे में लाने का सही समय है. राष्ट्रीय इकाई के साथ साथ राज्य इकाईयों को भी आरटीआई के दायरे में लाना चाहिए. हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, दिल्ली और पंजाब में जो कुछ हो रहा है वह क्रिकेट बोर्डों के स्वतंत्र कामकाज का परिणाम है.