सिडनी : मेलबर्न में पदार्पण टेस्ट में विफल रहने के लिए आलोचना का सामना करने वाले युवा भारतीय बल्लेबाज लोकेश राहुल अपने दूसरे टेस्ट में ही पहला शतक जडने से राहत महसूस कर रहे हैं. उनके इस शतक की मदद से भारत ने चौथे और अंतिम टेस्ट में आस्ट्रेलिया को ठोस जवाब दिया. कर्नाटक का […]
सिडनी : मेलबर्न में पदार्पण टेस्ट में विफल रहने के लिए आलोचना का सामना करने वाले युवा भारतीय बल्लेबाज लोकेश राहुल अपने दूसरे टेस्ट में ही पहला शतक जडने से राहत महसूस कर रहे हैं. उनके इस शतक की मदद से भारत ने चौथे और अंतिम टेस्ट में आस्ट्रेलिया को ठोस जवाब दिया.
कर्नाटक का यह 22 वर्षीय बल्लेबाज मेलबर्न में पहली और दूसरी पारी में क्रमश: तीन और एक रन ही बना पाया था लेकिन एससीजी में पारी की शुरुआत करते हुए उन्होंने शतक जडा. राहुल ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, इससे अच्छा महसूस कर रहा हूं. मेलबर्न में वैसा पदार्पण नहीं रहा जिसकी मैंने उम्मीद की थी. मैं यह सोचकर बल्लेबाजी करने उतरा था कि यह मेरा पहला मैच है और आज मैंने जिस तरह की बल्लेबाजी की उससे संतुष्ट हूं.
उन्होंने कहा, शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करने से मुझे कुछ अधिक समय मिला. मैंने क्रीज पर कुछ समय बिताने की कोशिश की. विकेट काफी धीमा है और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने रन बनाने का मौका नहीं देकर काम मुश्किल कर दिया. मैंने खुद से लगातार कहता रहा कि मुझे पहले सत्र में पूरे समय बल्लेबाजी करनी है जिससे कि मैं दूसरे सत्र में आकर अधिक रन बना सकूं.
राहुल ने पहले टेस्ट में क्रमश: छठे और तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की थी और दोनों मौकों पर वह बल्ले की उपरी हिस्सा लगने से कैच देकर पवेलियन लौटे. एससीजी पर हालांकि पहले दिन कैच छोडने के बाद पहला शतक जडने से इस बल्लेबाज का आत्मविश्वास बढा है.