एडिलेड : चोटों से त्रस्त ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान माइकल क्लार्क ने आज कहा कि हो सकता है कि वह आगे कभी नहीं खेल पायें. उन्होंने भारत के खिलाफ बाकी बचे तीन टेस्ट मैचों में खुद के खेलने की संभावना से इनकार किया लेकिन साथ ही कहा कि वह वापसी के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.
क्लार्क ने ऑस्ट्रेलिया की भारत के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में 48 रन से जीत के बाद कहा, विशेषज्ञ अभी स्कैन देख रहे हैं और मैं नहीं जानता कि मैं कितने दिनों तक बाहर रहूंगा. मैं विश्व कप के बारे में सोच रहा हूं और हमारा पहला अभ्यास मैच आठ सप्ताह बाद होना है. मैं वनडे त्रिकोणीय श्रृंखला ( भारत और इंग्लैंड ) में भाग लेना चाहूंगा लेकिन मुझे इंतजार करना होगा. ऐसी भी संभावना है कि मैं फिर कभी नहीं खेल पाऊं.
उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि इस मामले में ऐसा नहीं होगा और मैं वापसी के लिए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोडूंगा लेकिन साथ भी मुझे यथार्थवादी भी होना होगा. दायें पांव की हैमस्ट्रिंग में चोट से जूझ रहे क्लार्क ने कहा, मैं ब्रिस्बेन में खेलना चाहूंगा. ऑस्ट्रेलिया की तरफ से मैं जब भी कोई मैच नहीं खेल पाता तो दुख होता है. आपको टीम में रहने के लिए रन बनाने होते हैं. जब मैं थोड़ी लय में होता हूं तो अपनी सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलता हूं और इसलिए वास्तव में कुछ मैच खेलना चाहता हूं.
उन्होंने कहा, यह निश्चित तौर पर बहुत खास है. आस्ट्रेलिया की तरफ से आप जो भी टेस्ट मैच खेलते हो आपको उसमें अपनी जी जान लगा देते हो लेकिन यह श्रृंखला हमारे दिल के काफी करीब है. इस पहले टेस्ट मैच को हम अपने करियर में हमेशा याद रखेंगे इसमें कोई संदेह नहीं. मैंने अपनी जिंदगी में जितने भी टेस्ट खेले उनमें यह सबसे महत्वपूर्ण था. क्लार्क ने कहा, खिलाडियों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया उससे मैं बहुत खुश हूं.
उनका यह पहुंचने के बाद पहले दिन से ही रवैया बेजोड़ था. मानसिक तौर पर कुछ चुनौतियां थी और खिलाड़ियों ने मैच के दौरान इनका डटकर सामना किया. भारत की बेहतरीन टीम के खिलाफ अपनी सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलना यह वास्तव में खास है. क्लार्क ने भारतीय कप्तान कोहली की भी तारीफ की जिन्होंने दोनों पारियों में शतक जड़े. उन्होंने कहा, यह शानदार जीत है और कुछ असाधारण प्रदर्शन देखने को मिले.
विराट कोहली. क्या शानदार पारी. यह मेरे द्वारा देखे गए दूसरी पारी के सर्वश्रेष्ठ शतकों में से एक है. कुछ शानदार प्रदर्शन हुए. नाथन लियोन, डेविड वार्नर. और अंतिम सत्र में ब्रेड हैडिन की कप्तानी बेजोड़ थी. उन्होंने कहा, मैच जीतने की कोशिश जारी रखने के लिए खिलाड़ियों को पूरा श्रेय जाता है. वे जीतने की कोशिश करते हुए हारने के लिए भी तैयार थे. क्लार्क ने कहा कि पारी घोषित करने के समय को लेकर उनके दिमाग में कोई संदेह नहीं था.