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।। स्पोर्ट डेस्क ।।
नयी दिल्ली : आईसीसी के पहले चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने खुद को साफ-पाक बताया. श्रीनिवासन ने कहा कि उन्होंने क्रिकेट को बदनाम करने जैसा कोई भी काम नहीं किया. आइपीएल मैच फिक्सिंग मामले में अपनी छवि के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे क्रिकेट की छवि खराब हो. जहां तक इस मामले की बात है तो अभी इसपर बोलना अच्छा नहीं होगा,क्योंकि अदालत में मामला अभी चल रहा है.श्रीनिवासन ने कहा कि उन्होंने बीसीसीआई से खुद को अलग रखा था. उन्होंने कहा कि इसके कामों में मैं कभी कोई अडंगा नहीं बना.
* पूरा आइपीएल फिक्स: विंदू दारा सिंह
बॉलीवुड कलाकार विंदू दारा सिंह ने इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किये. उन्होंने एक निजी टेलीविजन चैनल से बातचीत में दावा किया था कि पूरा का पूरा आइपीएल ही फिक्स है और इसमें कई बड़े नाम शामिल हैं.
उन्होंने आइपीएल फिक्सिंग कांड के खुलासे के पीछे मौजूदा बीसीसीआइ अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और पूर्व आइपीएल कमिश्नर ललित मोदी की जंग को जिम्मेदार बताया.गत वर्ष आइपीएल फिक्सिंग को लेकर गिरफ्तार और फिर जमानत पर रिहा हुए विंदू दारा सिंह ने दावा किया ललित मोदी किसी भी सूरत में एन श्रीनिवासन को बोर्ड से बाहर करना चाहते थे और शरद पवार ने इसमें ललित मोदी की मदद की. विंदू दारा सिंह ने खुद को इस मामले में छोटी मछली बताया, जो थोड़ी बहुत सट्टेबाजी किया करता था.
विंदू ने आइपीएल फिक्सिंग में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के मालिक सह लिकर किंग विजय माल्या पर भी गंभीर आरोप लगाये हैं. उनके मुताबिक विजय माल्या एक आइपीएल से फिक्सिंग के जरिये 100-200 करोड़ रुपये आसानी से कमाते हैं.
* क्या था मामला
आइपीएल मैच फिक्सिंग मामले में एन श्रीनिवासन के दामाद मेयप्पन को दोषी पाया गया था. फिक्सिंग मामले की जांच करने वाली उच्चस्तरीय मुद्गल समिति ने बीसीसीआई मुखिया श्रीनिवासन के विवादास्पद दामाद मेयप्पन को दागी करार दिया.
जांच समिति ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि एन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मेयप्पन की चेन्नई सुपर किंग्स के अधिकारी के तौर पर और आइपीएल मैचों के दौरान सट्टेबाजी में संलिप्तता साबित होती है. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रपट में कहा था, चेन्नई सुपर किंग्स में टीम के अधिकारी के रूप में गुरुनाथ मेयप्पन की भूमिका और मेयप्पन के खिलाफ सट्टेबाजी के आरोप और सूचना लीक करने के आरोप साबित हुए हैं.