लीस्टर : भारतीय गेंदबाज अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद लीस्टरशर के बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे. लीस्टरशर ने एंगुस रोबसन और ग्रेग स्मिथ के नाबाद शतकों की मदद से तीन दिवसीय अभ्यास क्रिकेट मैच के तीसरे और आखिरी दिन यहां चाय के विश्राम तक एक विकेट पर 249 रन बनाये. भारत ने आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को छोड़कर अपने सभी प्रमुख गेंदबाजों को आजमाया लेकिन इनमें से सभी ने आसानी से रन लुटाये.
सलामी बल्लेबाज रोबसन (नाबाद 126) और तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे स्मिथ (नाबाद 101) ने दूसरे विकेट के लिये 221 रन की अटूट साझेदारी कर ली है. भारतीय गेंदबाज परिस्थितियों से तालमेल बिठाने में नाकाम रहे और बल्लेबाजों ने इसका फायदा उठाकर आसानी से रन बटोरे.
लंच से पहले केवल 13 ओवर का खेल हो पाया था और इस बीच लीस्टरशर ने एक विकेट पर 71 रन बनाये. भारत की तरफ से गेंदबाजी का आगाज करने वाले भुवनेश्वर कुमार सहीं लेंथ हासिल नहीं कर पाये. उन्होंने पहले स्पैल में सात ओवर किये और लगभग सात रन प्रति ओवर की दर से रन लुटाये. उनकी गेंदों पर दस चौके लगे.
बादल छाये रहने और हवा बहने के कारण मध्यम गति के गेंदबाजों के लिये आदर्श स्थिति थी. पंकज सिंह (22 रन देकर एक विकेट) ने इस बीच छह ओवर के अपने स्पैल में परिस्थितियों का अच्छा फायदा उठाया. राजस्थान के इस गेंदबाज ने शुरु से ही सही लाइन व लेंथ से गेंदबाजी की और बल्लेबाजों को लगातार परेशानी में रखा. उन्हें इस प्रयास का इनाम भी मिला जब उन्होंने मैथ्यू वाइस (4) को तीसरी स्लिप में अंजिक्य रहाणे के हाथों कैच कराया. रहाणे ने एक हाथ से यह कैच लिया.
लंच के बाद बारिश के कारण लगभग 25 मिनट तक खेल नहीं हो पाया जिसके कारण दूसरा सत्र देर तक खींचना पडा. इस सत्र में इशांत शर्मा और मोहम्मद शमी ने गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभाली. सभी गेंदबाजों में इशांत सबसे अधिक जूझते हुए नजर आए. उन्होंने अपने पहले दो ओवरों में ही 27 रन लुटा दिये. इस बीच उन्होंने छह नोबाल की और पांच चौके दिये.
इशांत ने अपने पहले चार ओवरों में 47 रन लुटाये. शमी ने अपनी लाइन व लेंथ से थोडी नियंत्रित गेंदबाजी की. उन्होंने पहले छह ओवर में 25 रन दिये. कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने इसके अलावा स्टुअर्ट बिन्नी, ईश्वर पांडे और वरुण आरोन जैसे तेज गेंदबाजों को भी गेंद थमायी. आरोन ने अच्छी तेजी से गेंदबाजी की.
रविंदर जडेजा जब गेंदबाजी के लिये आये तो स्मिथ ने उन पर लगातार दो छक्के जड़कर अपना शतक पूरा किया. धौनी विकेट हासिल करने के लिये कितने बेताब थे इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उन्होंने चाय के विश्राम से पहले चेतेश्वर पुजारा को भी गेंद थमायी.