आज से सावन शुरू, कहीं बर्फ की सिल्ली, तो कहीं फूलों से हो रही शिवलिंग की सजावट
पटना : शनिवार से सावन शुरू है. श्रद्धालुओं की भीड़ अलसुबह से ही मंदिरों में जुटनी शुरू हो जायेगी. हर-हर महादेव और ú नम: शिवाय के जयकारे से पूरा शहर गूंजायमान होगा. शुक्रवार को राजधानी के शिवालयों को पूरी तरह से सजा दिया गया. सोमवारी को लेकर शिवालयों व मंदिरों में विशेष तैयारी की जा रही है.
कहीं बर्फ की सिल्ली, तो कहीं फूलों से शिवलिंग की सजावट की जायेगी. बोरिंग रोड स्थित शिव मंदिर के पुजारी राम प्रसाद ने बताया कि सोमवारी पर शिवलिंग की सजावट बर्फ की सिल्ली से की जायेगी.
इन मंदिरों में विशेष तैयारी : महावीर मंदिर, राजाबाजार हनुमान मंदिर, गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी मंदिर, राजवंशी नगर स्थित पंचरूपी हनुमान मंदिर, पंच शिवमंदिर, कंकड़बाग का जलेश्वर महादेव मंदिर, कदमकुआं का शिवमंदिर, खाजपुरा का शिव मंदिर, बोरिंग रोड शिव मंदिर, राजा पुल शिव मंदिर तथा पुलिस लाइन व राजापुर के शिव मंदिर आदि. वहीं, मां सिद्धेश्वरी काली मंदिर बांसघाट में पूजा व रुद्राभिषेक के लिए अलग-अलग समय होंगे. दिन में 12 से 3 बजे, चार से छह बजे, फिर शाम साढ़े छह से रात्रि आठ बजे तक पूजा की जायेगी. हर सोमवार की रात्रि में रुद्राभिषेक किया जायेगा.
बेलपत्र का वैज्ञानिक महत्व
सावन में बेलपत्र का खास महत्व है. ये तीन दल के होते हैं. इसे भगवान का नेत्र भी कहा गया है. इसे वेदों में दैहिक, दैविक व भौतिक तीनों रूपों में पापों को दूर करने के अस्त्र के समान माना गया है. बेलपत्र के जड़ में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु व अग्रभाग में महादेव का वास होता है. एक, ग्यारह व108 बेलपत्रों से पूजा करने का भी खास महत्व है. इससे सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
इस सावन में चार सोमवारी
इस बार सावन एक अगस्त से शुरू हो रहा है, जो 29 अगस्त तक रहेगा. पंडित मार्कंडेय शारदेय के अनुसार शुक्रवार को अपराह्न् 3:34 बजे पूर्णिमा समाप्त हो रही है. इसके बाद से सावन प्रवेश कर जायेगा. लेकिन सूर्योदय की वजह से सावन की शुरुआत शनिवार से मानी जायेगी. इस बार सावन में चार सोमवारी पड़ रही है. जो 03, 10, 17 व 24 अगस्त को है.
रुद्राभिषेक की अब तक 45 बुकिंग
जंकशन स्थित महावीर मंदिर में 45 रुद्राभिषेक की बुकिंग की गयी है. ये सभी बुकिंग चारों सोमवारी के लिए है. महावीर मंदिर के पुजारी भवनाथ झा ने बताया कि अभी बुकिंग और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि सोमवारी पर रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है. सोमवार चंद्रमा का दिन होता है और भगवान शिव को चंद्रमा काफी प्रिय है. उनके अनुसार रुद्राभिषेक में दूध, घी, गंगा जल, गन्नों का रस का विशेष महत्व है.
महावीर मंदिर में रुद्राभिषेक का चाजर्
ऊपरी तल्ले पर 2100 सुबह 5 से रात्रि 9 बजे तक
दूसरे तल्ले पर 1501 दोपहर 12 से शाम 6बजे
प्रथम तल्ले पर 1001 सुबह 5 से रात्रि 9 बजे