36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Human rights case in jharkhand : मानवाधिकारों को लेकर झारखंड में सिस्टम गंभीर नहीं, कई मामले अब अब भी लंबित

झारखंड में मानवाधिकारों को लेकर सिस्टम गंभीर नहीं

रांची : झारखंड में राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष का पद मई 2018 से ही रिक्त है. इस बीच वर्ष 2019 में मानवाधिकार हनन के कुल 640 मामले अायोग में आये. इनमें से 582 का निबटारा किया गया और शेष मामले अभी चल रहे हैं. वर्ष 2020 में कुल 673 मामले आये. इनमें से 410 मामलों का निष्पादन किया गया.

शेष मामले लंबित हैं. दूसरी तरफ मानवाधिकार हनन के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जब संज्ञान लेता है, तो आयोग की ओर से पुलिस से रिपोर्ट मांगी जाती है, ताकि मामले में कार्रवाई की जा सके. लेकिन एनएचआरसी के मांगे जाने के बावजूद झारखंड पुलिस रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराती है.

इस मामले में कई बार पत्राचार करने का भी रांची पुलिस पर कोई विशेष असर नहीं होता. जब एनएचआरसी की ओर से मामले में संज्ञान लेते हुए आयोग के सामने उपस्थित होने की चेतावनी दी जाती है. तब पुलिस रिपोर्ट भेज देती है. राज्य पुलिस मुख्यालय के समक्ष ऐसे कई मामले आ चुके हैं.

झारखंड के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा व न्याय दिलाने के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन 17 जनवरी 2011 को किया गया था. अब तक आयोग में दो अध्यक्ष हो चुके है. राजस्थान उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए मुख्य न्यायाधीश नारायण राय को झारखंड राज्य मानवाधिकार आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. वहीं झारखंड के पूर्व लोकायुक्त लक्ष्मण उरांव को आयोग का सदस्य बनाया गया.

जस्टिस राय का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश आरआर प्रसाद को झारखंड राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की जवाबदेही सौंपी गयी थी. कार्यकाल के दौरान कैंसर से पीड़ित जस्टिस आरआर प्रसाद की मौत इलाज के क्रम में मई 2018 मेंं हो गयी थी. इनके निधन के बाद से अध्यक्ष का पद रिक्त है. फिलवक्त आयोग के सदस्य एसके सतपथी को राज्य मानवाधिकार आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष का प्रभार मिला हुआ है.

सचिव व अवर सचिव का पद भी प्रभार में :

राज्य मानवाधिकार आयोग में सचिव व अवर सचिव का पद पूर्णकालिक है. लेकिन सचिव का अतिरिक्त प्रभार वित्त विभाग में बजट के निदेशक दीपक कुमार को दिया गया है, जबकि अवर सचिव का अतिरिक्त प्रभार आपदा प्रबंधन के अवर सचिव सुनील कुमार झा के जिम्मे है. यानी अध्यक्ष के बाद सचिव व अवर सचिव महत्वपूर्ण पद हैं. दोनों ही दूसरे विभाग में तैनात अधिकारियों के जिम्मे हैं, जबकि कुछेक पदों को छोड़ दें, तो ज्यादातर पदों पर कर्मी अनुबंध पर कार्यरत हैं.

राज्य मानवाधिकार आयोग में दो साल से पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं, दो साल में 321 मामले हो गये हैं लंबित

पलामू जिला के सतबरवा थाना क्षेत्र निवासी छक्कू सिंह की मौत पलामू पुलिस कस्टडी में 31 मई 2014 को हुई थी. इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया था और रिपोर्ट मांगी थी. आयोग के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने भी मई 2018 में ही पत्राचार किया था. लेकिन 2019 के अंत तक घटना से संबंधित रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को ही नहीं मिली थी. इस वजह से रिपोर्ट नहीं भेजी जा सकी.

लातेहार थाना में 18 जनवरी 2018 को नक्सली गुड्डू यादव के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने को लेकर केस दर्ज हुआ था. इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था. पांच फरवरी 2018, 19 नवंबर 2018 तथा 25 अक्तूबर 2019 को पत्राचार करते हुए संबंधित मामले में पुलिस से रिपोर्ट मांगी. इसके बाद लातेहार एसपी ने 19 नवंबर 2019 को राष्ट्रीय मानवाधिकार को सिर्फ यह बताया कि केस सीआइडी में ट्रांसफर हो चुका हैं.

तब आयोग ने सीआइडी के एसपी को 12 दिसंबर 2019 को रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा व कहा कि कि यदि आपके कार्यालय से कोई जवाब नहीं मिलता है,, तो इसे मानवाधिकार का उल्लंघन समझते हुए नोटिस जारी किया जायेगा. सात मार्च 2019 को हजारीबाग जिला के केरेडारी में पुलिस के साथ एनकाउंटर में तीन उग्रवादी मारे गये थे. इसमें संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार ने केस दर्ज कर पुलिस से रिपोर्ट मांगी.

लेकिन रिपोर्ट नहीं भेजी गयी. इसके बाद आयोग की ओर से 12 दिसंबर 2020 को रिपोर्ट भेजने के लिए पुलिस मुख्यालय को रिमाइंडर भेजा गया. तब जाकर पुलिस मुख्यालय ने मामले में संज्ञान लिया तथा रिपोर्ट भेजने के लिए हजारीबाग डीसी और एसपी को पत्र लिखा.

posted by : sameer oraon

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें