28.1 C
Ranchi
HomeSearch

literature - search results

If you're not happy with the results, please do another search.

Mahashivratri : सर्वत्र हो, शिव हो

Mahashivratri : भगवान शंकर को अनादि और अनंत माना गया है. शिव सर्वत्र हैं और आशुतोष हैं, शीघ्र प्रसन्न हो जाने वाले हैं. मानवता...

Kathetaer Samay: अमिताभ राय बोले- ‘कथेतर समय’ कोई मुहावरा नहीं, आज की जरूरत

Kathetaer Samay: कथेतर गद्य पर बात करते हुए अशोक वाजपेयी ने ऑक्टेवियो पाज, रिल्के, मुक्तिबोध और त्रिलोचन का जिक्र किया. उन्होंने रचनात्मकता पर भी प्रकाश डाला.

खोरठा भाषा-साहित्य के स्तंभ शिवनाथ प्रमाणिक का 75 साल की उम्र में निधन, शोक की लहर

खोरठा भाषा-साहित्य के प्रमुख स्तंभ रहे शिवनाथ प्रामाणिक (75 वर्ष) नहीं रहे. मंगलवार को उनका निधन हो गया. उन्होंने बोकारो के रानीपोखर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली.

Hindu College में मातृभाषा सप्ताह: प्रो मेहता बोले- ग्लोबलाइजेशन ने भाषाओं को गंभीर क्षति पहुंचाई

Hindu College: बड़ौदा विश्वविद्यालय में गुजराती के आचार्य और लेखक प्रो भरत मेहता ने कहा कि मातृभाषा और आधुनिक भारतीय भाषाएं अन्योन्याश्रित हैं.

Hindu College: मातृभाषा सप्ताह में बोलीं प्रो अंजू श्रीवास्तव, मातृभाषा से बेहतर मानसिक विकास संभव

हिंदी विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो रामेश्वर राय ने कहा कि भारत की देशज भाषाओं में बिखरे लोक साहित्य को मातृ भाषाओं के साथ सहेजने की चुनौती है.

World Book Fair 2024 : समाज के यथार्थ को चित्रित करती हैं स्वयं प्रकाश की कहानियां

World Book Fair 2024 : युवा आलोचक पल्लव ने कहा कि स्वयं प्रकाश उन दुर्लभ कहानीकारों में थे जिनके पास श्रेष्ठ कहानियों की संख्या अच्छी खासी है.

World book fair Delhi : विश्व पुस्तक मेले में कहानी-संग्रह ‘घाम’ का लोकार्पण, देवेंद्र चौबे ने कहा-श्यामल की कहानियों में इकहारा यथार्थ नहीं

श्यामल की कहानियां हिंदी साहित्य के पूरे कथा-फलक पर सबसे अलग हैं जो हर स्तर पर बनी-बनाई धारणाओं की धज्जियां उड़ाती चलती हैं.

World Book Fair 2024: मेले में साम्य के नंद चतुर्वेदी विशेषांक का लोकार्पण

world Book Fair 2024 : नंद बाबू की कविता 'शरीर' को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि देह के लिए जैसा राग और स्वीकृति नंद बाबू के मन में है वह भी कम कवियों में देखने को मिलता है.

प्रेम के अस्तित्व को उकरेती है शशांक की कविता ‘जब तुम रहती’

कवि शशांक की एक कविता 'जब तुम रहती' है. यह कविता बहुत ही महीन तरीके से प्रेम के अस्तित्व के उकेरती हुई दिखाई देती है. उनकी इस रचना में कवि का छायावाद और उनकी साफगोई साफ झलकती दिखाई देती है.

कलमकारी उत्सव में बोलीं ममता कालिया- सपनों को आकाश देता है हिन्दू कॉलेज

कलमकारी उत्सव में ऐसे लेखकों को आमंत्रित किया गया था जो हिंदू कॉलेज से पढ़े चुके हैं. आयोजन में भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने देशबंधु कॉलेज से हिंदू कॉलेज की अपनी यात्रा के रोचक संस्मरण सुनाए.

Most Popular