29 अप्रैल को अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर राज्यभर के शिक्षकों ने मुख्यमंत्री आवास के समक्ष धरना का निर्णय लिया है. आखिर ये शिक्षक नौनिहालों का भविष्य बनाने की जगह आंदोलन क्यों कर रहे हैं? क्या मजबूरी है कि शिक्षक स्कूल में होने की बजाय सड़क पर होते हैं? शिक्षक कहते हैं कि सरकार यदि अपने ही प्रावधानित नियमों को लागू कर दे, तो ऐसी स्थिति न आये. अगर शिक्षकों को हर साल प्रोन्नति मिलनी है, तो कई जिलों में यह काम बीस-बीस साल से क्यों नहीं हुआ? अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नहीं हैं. इसलिए सरकार को शिक्षकों की समस्याओं का हल निकालना चाहिए.
जयंत तिवारी, इमेल से