जहां एक ओर सुप्रीम कोर्ट शराब के कारण हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए, शराब दुकानों के हर जगह होने पर पाबंदी लगा रही है, वहीं दूसरी ओर रघुवर सरकार शराब की दुकान खोलने के पीछे पड़ी है. बिहार की तर्ज पर यहां के झारखंडवासी भी चाहते हैं कि शराब बंद हो, क्योंकि बिहार में वाकई लोगों को फायदा हुआ है.
शराब से जो हानि होती है, उसके बारे में वही बता सकता है जिसने किसी सड़क दुर्घटना में अपने को खोया हो या खुद शिकार हुआ हो. 95 % सड़क दुर्घटनाएं शराब की वजह से होती है. जब बिहार के पास कुछ प्राकृतिक संसाधन नहीं है, फिर भी वो ऐसा कदम उठा सकते हैं, तो हम क्यों नहीं. सरकार शराबबंदी के बारे में ज्यादा सोचे.
प्रेम सागर केवट, कतरास, धनबाद