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छात्र और तनाव
बारहवीं के एक छात्र द्वारा आत्महत्या का प्रयास करना दिल दहलाने वाली घटना है. अभी जो कारण सामने आ रहा है वह है परीक्षा का दबाव. कई बार इस दबाव का कारण अपने ही लोग होते हैं जो शत-प्रतिशत प्राप्तांक की अपेक्षा अपने बच्चों से करते हैं. मानसिक स्तर में अंतर होने के कारण हरेक […]
बारहवीं के एक छात्र द्वारा आत्महत्या का प्रयास करना दिल दहलाने वाली घटना है. अभी जो कारण सामने आ रहा है वह है परीक्षा का दबाव. कई बार इस दबाव का कारण अपने ही लोग होते हैं जो शत-प्रतिशत प्राप्तांक की अपेक्षा अपने बच्चों से करते हैं. मानसिक स्तर में अंतर होने के कारण हरेक के लिए यह संभव नहीं होता.
इस दबाव से बचने के लिए बच्चे पहले येन-केन प्रकारेण गलत तरीकों का सहारा लेते हैं पर इसमें भी असफल होने पर ऐसा कर जाते हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. इसके अलावा एकल परिश्रम, माता-पिता की व्यस्तता, लॉज में रहकर पढ़ाई करना भी उनके तनाव का कारण बनता है. मुश्किल के क्षणों में सही सलाह नहीं मिल पाती है. यह घटना हम सभी के लिए एक सबक और चेतावनी है. बच्चों को सकारात्मक दिशा दिखाने में परिवार, शिक्षक और समाज के हरेक को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी.
नीता मिश्रा, शिक्षिका, इमेल से
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