आज भ्रष्टाचार के कारणा खराब प्रशासन और प्लानिंग से देश बर्बादी के कगार पर है. एक आकलन के अनुसार, 2030 के आते-आते देश की आधी आबादी शहरों में ही होगी, जिससे पूरा देश अलगाव ही नहीं, कई अन्य ढेर सारी विनाशकारी समस्याओं की चपेट में होगा. कंक्रीट के बड़े-बड़े जंगल और अनियोजित उद्योग उपजाऊ और समतल अच्छी कृषि भूमि को कब के लील चुके हैं. दुर्भाग्य से पशुधन बड़ी तेजी से लुप्त हो रहा है.
पशु-पक्षी जो इनसान के बहुत करीब और प्रिय होते थे, आज वे सभी उसके दुश्मन और भोजन बन कर प्राय: समाप्त हो चुके हैं. गांधी जी के स्वराज के तहत गांव को ही पूर्ण इकाई बना कर विकेंद्रीकरण के रास्ते से ही इन समस्याओं का हल संभव है. टीम अन्ना और केजरीवाल यही चाहते हैं. इतने बड़े बिगाड़-खाते को ठीक करने में समय लगेगा.
वेद मामूरपुर, नरेला, नयी दिल्ली